भारतीय सेना के गोरखा सैनिकों के बारे में मान्यता है कि वे निडर होते हैं और किसी भी हालात
का सामना करने के लिए हरदम तैयार होते हैं। यहां हम गोरखा रेजिमेन्ट से जुड़े उन तथ्यों के
बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे।
1. गोरखा सैनिक आजादी से पूर्व भारत में तैनात
ब्रिटिश आर्मी का अभिन्न हिस्सा थे।
2. ब्रिटिश जनरल सर डेविड ऑक्टरलोनी गोरखा सैनिकों
की वीरता से बेहद प्रभावित थे। दरअसल, गोरखा सैनिकों
ने वर्ष 1857 की क्रान्ति में ईस्ट इन्डिया कंपनी के खिलाफ
अभियानों में सक्रियता से भाग लिया था।
3. गोरखा रेजिमेन्ट के सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र शान्ति मिशन
के तहत लेबनान और सियरा लियोन भी भेजा जा चुका है।
4. आजादी से पहले गोरखा रेजिमेन्ट की संख्या 10 थी।
बाद में 6 ने भारतीय सेना से जुड़ना स्वीकार कर लिया।
5. फिलहाल भारतीय सेना में 40 हजार से अधिक
बहादुर गोरखा सैनिक हैं।
6. गोरखा सैनिकों की 7 रेजिमेन्ट और 42 अलग-अलग
बटालियन्स हैं।
7. गोरखा राइफल्स भारतीय सेना का एक बेहद प्रसिद्ध
प्लाटून है।
8. इस प्लाटून ने अदम्य शौर्य दिखाते हुए अब तक 11
वीर चक्र, 2 महावीर चक्र, 3 अशोक चक्र और 1 परमवीर
चक्र हासिल किए हैं।
9. इस प्लाटून के परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेन्ट मनोज
कुमार पान्डे की वीर गाथा दुनिया के युद्ध इतिहास में
एक केस स्टडी है।
10. सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान गोरखा
सैनिकों ने अदम्य वीरता दिखाई थी।
11. गोरखा रेजिमेन्ट ने भारतीय सेना को दो फील्ड मार्शल
दिए हैं। सैम मानेकशॉ और वर्तमान सेना प्रमुख दलबीर
सिंह सुहाग।
12. गोरखा सैनिकों की पहचान है खुकरी। 12 ईन्च लम्बा
यह धारदार हथियार दरअसल उनकी यूनिफॉर्म का हिस्सा है।
13. गोरखा सैनिकों की उपस्थिति दुश्मनों के कैम्प में
खलबली मचाने के लिए काफी है।
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