रायचूर (कर्नाटक) : यहां की नगरपरिषद द्वारा मार्ग चौडाई की आड में आनेवाले एक मंदिर सहित दो
मस्जिदों को अंशिक रूप से गिराने पर एक मस्जिद के अंदर हिंदुओंके प्राचीन मंदिर का स्तंभ मिलने का
समाचार सामने आया है !प्रशासन इस मस्जिद को न गिराए; इसलिए धर्मांधोंने नगरपरिषद के अधिकारियों
पर बडी मात्रा में पथराव किया।
द हिंदू में प्रकाशित समाचार के अनुसार रायचूर शहर के जाकीर हुसेन चौक तथा सुपरमार्केट चौक के बीच
का मार्ग चौडा करने के लिए नगरपरिषद ने मार्ग के दोनों बाजुओं में स्थित व्यावसायिक एवं धार्मिक
इमारतों को गिराने का निर्णय किया था। उसके लिए व्यवसायिकों को, साथ ही एक मंदिर तथा दो मस्जिदों
के प्रबंधनों को नोटिस भी दी गई थी। इसके अतिरिक्त उनसे बातचीत भी हुई थी। इन दो मस्जिदों में से
‘एक मिनार की मस्जिद’ शहर में विख्यात है। धार्मिक स्थल पूर्णरूप से न गिराकर अंशिक रूप से गिराए
जानेवाले थे। सभी ने मार्ग चौडा करने के लिये विरोध न करने का सुनिश्चित किया था। ‘एक मिनार की मस्जिद’
के प्रबंधन द्वारा उसे गिराने की अनुमति देने पर भी धर्मांधों ने उसे गिराने से तीव्र विरोध किया !
जब ‘एक मिनार मस्जिद’ अंशिक रूप से गिराई गई, तब मस्जिद की दीवारोंका गार (प्लास्टर) निकलने पर
उसपर हिंदुओंके धार्मिक चिन्ह अंकित किए हुए दिखाई दिए, साथ ही मंदिर के स्तंभ भी दिखाई देने लगे !
तीन स्तंभ देखकर, एक तो इस मस्जिद का निर्माण हिंदू पद्धति से किया गया होगा अथवा वह मूलरूप से
श्री रामलिंगेश्वर मंदिर होगा, ऐसी चर्चा आरंभ हुई।
मस्जिद की नींव के स्तंभ देखने पर, उन्हें ‘होयशाला वास्तुशास्र’ के अनुसार बनाया गया है, स्थानीय
विशेषज्ञों ने प्राथमिक परीक्षण में अपना ऐसा निष्कर्ष निकाला है ! इसलिए इस मस्जिद का निर्माण
मुसलमान बहामनी राज्य के काल में पर्शियन पद्धति से किया गया हो, तो भी उसके निर्माण में
हिंदुओं के मंदिर के स्तंभ एवं ध्वस्त किए गए मंदिर के अवशेषों का उपयोग किए जाने की संभावना
व्यक्त की जा रही है !
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