जादातर हिन्दुओ को हिंदुत्व का अर्थ ही नहीं मालुम, यह स्वयं हिन्दू समाज के लिए शर्मनाक है ..क्या हिंदुत्व की अवधारण में देशमाता / मातृभूमि का तत्व नही है .?मातृभूमि जिसको हिंदुत्व में माँ का दर्जा दिया गया है .उसकी सुरक्षा उसके विकास , उसके वैभव को बढ़ाना, हिंदुत्व नहीं माना जाना चाहिए .?..क्या एक गरीब, जर्जर, असुरक्षित, दुश्मनों से घिरी ,अविकसित मातृभूमि में हिंदुत्व ज़िंदा और सुरक्षित रह पायेगा ?
. उस मातृभूमि के ऊपर रहने वाले समाज का विकास करना हिंदुत्व नहीं है ?.क्या केवल घंटा बजाना ,मंदिर जाना ,भजन प्रवचन बाचना ही हिंदुत्व है ?.क्या असुरक्षित ,अविकसित दुश्मनों से घिरे जर्जर कमजोर राष्ट्र में ,हिंदुत्व को मानने वाले हिन्दू सुरक्षित रह पायेगे ?
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