दो बाते अधिकतर वामपंथियों के मुँह से सुनने को मिलती है पहली यह कि मुगलो ने 800 साल राज किया दूसरी यह कि 800 साल राज करने के बाद भी हिन्दू धर्म खतरे में नही आया और आज भी हिन्दू बहुसंख्यक है।
इनकी झूठी दलीलों से भटकने की जरूरत नहीं है खुद अवलोकन कीजिये
पहली बात मुगलो ने 800 साल कभी राज नही किया, हाँ 1192 में दिल्ली को मुहम्मद गौरी ने जीत लिया था मगर दिल्ली और संपूर्ण भारत में अंतर है, अकबर और औरंगजेब के अलावा कोई मुस्लिम शासक लंबे समय तक दिल्ली या आगरा पर राज ना कर सका। हाँ यह राज उन्होंने काबुल कांधार पर किया, सिंध और लाहौर पर लंबे समय तक राज किया अब कोई वामपंथी बताये की पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आखिर कितने हिन्दू बचे???
मतलब यह कि मूल भारत मे उन्हें इस्लाम फैलाने का मौका ही नही मिला, कोई भी मुस्लिम शासक ज्यादा समय राज नही कर सका और जितना किया वो भी डर डरकर क्योकि मंगोलो और दूसरे राज्यो के आक्रमण लगातार होते रहे ऐसे में इस्लाम फैलाने की फुरसत कैसे??? और दूसरा जो मुस्लिम शासकों को था वो यह कि हिन्दुओ पर अत्याचार हिन्दुओ को उनका विरोधी ना बना दे या हिन्दू मंगोलो के साथ ना मिल जाये इसीलिए इल्तुतमिश, रज़िया और बलबन जैसे मुस्लिम शासकों ने हिन्दुओ से हाथ मिलाया।
बाबर 1526 में भारत आया और 1530 में मर गया इन चार सालों में उसने 4 बड़े युद्ध किये अब उसे इस्लाम फैलाने का समय नही मिला, यही हाल हुमायूं का हुआ, अकबर ने इस्लाम फैलाने की पूरी कोशिश की मगर बाद में उसने दीन ए इलाही धर्म अपना लिया इसलिए उसके राज के 48 वर्ष धरे के धरे रह गए। जहाँगीर और शाहजहां वैभव और विलास में डूब चुके थे उनके काल मे अंग्रेज और फ्रांसीसी घुस आए मगर उन्हें नर्तकियों से फुर्सत नहीं मिली।
औरंगजेब जब तक बादशाह बना तब तक उत्तर में सिखों का और दक्षिण में मराठाओ का उदय हो चुका था, औरंगजेब ने 50 साल राज किया मगर 25 से ज्यादा वर्ष उसे मराठाओ और दक्षिणी राजवंशो से लड़ने में लग गए। औरंगजेब की मौत के बाद तो जब पेशवाओ ने हमले शुरू किये तब मुगलो को भागते देर नही लगी।
सबसे पहले गुजरात मराठाओ के कब्जे में आया बड़ौदा को राजधानी बनाया गया, जूनागढ़ के नवाब ने बड़ौदा के गायकवाड़ राजा के आगे हथियार डाल दिये और आश्वासन दिया कि उसके नवाब रहते किसी हिन्दू को परेशान नहीं किया जाएगा।
यही मध्यप्रदेश में हुआ दक्षिण से होल्कर और उत्तर से सिंधिया ने एक साथ हमला किया भोपाल को छोड़कर पूरा मध्यप्रदेश मराठा साम्राज्य में मिल गया, भोपाल का नवाब घिर चुका था यदि हिन्दुओ के साथ कुछ करता तो सिंधिया या होल्कर से युद्ध को आमंत्रित करता। राजस्थान में भी राजपूतों ने एकता दिखानी शुरू की और एक एक करके सारे साम्राज्य आज़ाद होते गए।
कश्मीर पर हिन्दुओ का आधिपत्य हुआ, जालंधर और पटियाला सिखों के हाथ आ गए। पूर्वी भारत मे छोटे छोटे राजवंशो में चिंगारी भड़क उठी, सिर्फ पूर्वी बंगाल शेष रह गया जो आज बांग्लादेश बन चुका है। इस तरह मुगलो का सफाया पूरे भारत से हुआ।
इसीलिए यदि कोई आपसे कहे कि मुगलो ने 800 साल राज किया और फिर भी आज हिन्दू 100 करोड़ है तो उसे आईना दिखाने में परहेज ना कीजिये, मुगलो का पतन मराठा, राजपूत, जाट और सिख एकता का परिणाम था। हमारे पूर्वजों ने कठिन युद्ध करके इस देश पर भगवा फहराया है, भारत के अंदर मुगलो को मौका नही मिला इसलिये आज यहाँ हिन्दू बहुसंख्यक है।
जहाँ मुगलो को मौका मिला वो जगह (ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश) तो आज इस देश के नक्शे में है भी नही, हिन्दुओ की तो पूछो ही मत। मुगलो की किस्मत अच्छी थी कि जब हिन्दू जागे तब तक ब्रिटिश अंदर घुस आए और जल्दबाजी में झक मारकर दिल्ली के सिंहासन पर बैठे बहादुर शाह जफर को बादशाह बनाना पड़ा।
यदि अंग्रेज 50 साल की देर और करते तो मुगलो का नाम भी आज इस देश मे नही मिलता।
साभार
Parakh Saxena
Parakh Saxena
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