... वे हमारी पुरातन संपदाओं को थोड़े हेरफेर के साथ बदलकर अपनी मोहर लगा देते थे। आज उनके वंशज बताते हैं कि हमारे पूर्वजों ने ऐसे-ऐसे निर्माण किये। हम जानते हैं कि देश की अधिकांश पुरातन मस्जिदों को इसी तरह बनाया गया है। जो घालमेल इनके पूर्वजों ने किये ये मंदिर उसका साक्षात् प्रमाण है। ये दैत्यसूदन मंदिर है। इसका निर्माण हज़ारों साल पूर्व हुआ था। महाराष्ट्र के बुलढाना के पास लोणार कस्बे में ये मंदिर बना हुआ है। निजाम के शासनकाल में इसे फर्जीवाड़े से मस्जिद बनाने की कोशिश की गई थी। बस मुख्य दरवाजा बदल दो और सारे प्रमाण मिटा दो। हालांकि गांववाले घोर सनातनी थे। उन्होंने ये अनर्थ होने नहीं दिया और आगे का प्रमाण आपके सामने है...
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