NPG बिग न्यूज : 63 लाख की लूट का खुला राज ! 27 हजार फुटेज व 57 हजार नंबरों से मिला लूटेरों का पता…जामा मस्जिद का इमाम निकला मास्टर माइंड
जांजगीर 19 दिसंबर 2017। रायपुर के SBI बैंक में तिजोरी काटकर करोड़ों की चोरी की गुत्थी सुलझाने के बाद अब जांजगीर में हुई लाखों की डकैती का भी राज खुल गया है। चाम्पा के जगदल्ला में राइटर सेफ गार्ड कम्पनी के ऑफिस में 63 लाख की डकैती मामले में पुलिस ने 5 लूटेरों को धर दबोचा है। हालांकि आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने सिर्फ 56 लाख रुपये ही लूटे थे।
गिरफ्तार बदमाशों के पास से 21 लाख रुपये जब्त किये गये हैं। गिरफ्तार 5 आरोपियों में दो बिहार के, एक झारखंड के बताये जा रहे हैं.. जबकि दो लूटेरे कोरबा के हैं। बिलासपुर आईजी ने अपराधियों को पकड़ने के लिए 30 हजार ईनाम रखा था। इस डकैती का खुलासा सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल से हुआ है। डकैती वाले घटनास्थल पर लगातार आने-जाने वाले लोगों के सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल को टेक्निकल टीम ने स्क्रीनिंग कर डकैतों को ढूंढ निकाला।
लूट का सुराग पुलिस को डकैतों के कोरबा की तरफ भागने से लगा। डकैतों को पकड़ने के लिए पुलिस ने टावरों से नंबरों की स्क्रीनिंग करनी शुरू की.. तो दूसरी तरफ सीसीटीवी के जरिये उन चेहरों को पहचानने की कोशिश की, जो लगातार घटनास्थल के आसपास संदिग्ध परिस्थिति में घूमा करते थे। पुलिस को इस दौरान करीब 7 लाख नंबर मिले…जिसमें स्क्रूटनी कर पुलिस ने 57 हजार संदिग्ध मोबाइल को निकाला। पुलिस उन कॉल डिटेल के आधार पर अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाती रही…तो दूसरी तरफ सीसीटीवी फुटेज के आधार तस्वीर निकालकर हुलिया निकालती रही।
पुलिस को इसी दौरान कोरबा के एक ढाबा संचालक हाजी मेमन का हुलिया पुलिस को मिला, जिसके आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। पुलिस ने सख्ती से पुछताछ की…तो उसने पूरा राज उगल दिया। पुलिस को ढाबा संचालक हाजी ने बताया कि पूरे घटना का मास्टर माइंड कोरबा के जामा मस्जिद का इमाम मोहर्रम अली है। मोहर्रम अली ने ही पूरी वारदात को अपने साथियों के सहयोग से अंजाम दिया है। हालांकि लूट के वक्त खुद मोहर्रम मौके पर नहीं गया था.. उसके बिहार के बांका जिले के रहने वाले कुछ अपराधियों के सहयोग से पूरी वारदात को अंजाम दिया। घटना में बिहार के बांका जिला स्थित खड़ियारा गांव निवासी तीन साथियों को सद्दाम, कुनैन और सिद्दीक और बाराहाट से प्रेम चौधरी और धनबाद से मोहम्मद शहजाद शामिल थे। खास बात ये है कि कोरबा का ढाबा संचालक हाजी पहले डकैती का प्लान समझने बिहार गया और फिर जब सब ओके हो गया है.. तो वारदात को अंजाम दिलाय़ा। इस मामले में हाजी ने ही हथियार और गाड़ी की व्यवस्था की थी।
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