भारत मे तीन गैर भारतीय पंथ अपनी उपस्थिति रखते है
1इस्लाम 2ईसाइयत 3 पारसी
इनमे से एक दूध में चीनी की तरह मिश्रित है, दो सनातन धर्म के खिलाफ अपने अपने मूल स्थानों की शह पर धर्म गुरुओं की आड़ में षडयंत्रो में व्यस्त रहते है।
ताजा उदाहरण है दिल्ली के आर्च विशप का पत्र जिसमे वो 2019 के चुनावों में "evil" से भारत को मुक्त करने का आव्हान करते है। विशप के नागरिक अधिकारों का तर्क न दीजियेगा क्योकि उन्होंने उक्त अपील निजी तौर पर नही बल्कि आर्च विशप की हैसियत से की है।
आर्च विशप की नियुक्ति वेटिकन जो कि एक संप्रभुता सम्पन्न देश का दर्जा रखता है और संयुक्त राष्ट्र का सदस्य भी है का मुखिया जिसे पोप कहा जाता है के द्वारा होती है, अब एक दूसरे देश के प्रमुख द्वारा नियुक्त व्यक्ति भारत के अंदरूनी मामलों वो भी राजनीतिक विषय पर कैसे दखलंदाजी कर सकते हैं?
ध्यान देने योग्य है कि वेटिकन और इटली एक जिस्म दो जान है और सोनियाजी इटली निवासी थी और उनके सुपुत्र को जन्म के 48 वर्षो बाद अपनी नानी के घर जाने की चाहत हुयी थी और वो गये भी थे
कानून मंत्रालय को संज्ञान लेना चाहिये क्योंकि आर्च विशप ने भारत की पूर्ण बहुमत से चुनी हुई सरकार को हटाने का आव्हान किया है।
दिल्ली में चर्चो पर फ़र्ज़ी हमले,फिर गांधीनगर के आर्च विशप का चुनावो के समय विष वमन, केरल के चर्चो के फतवे,झारखंड के विशप द्वारा सशस्त्र विद्रोह के लिये उकसाना, मिज़ोरम में चर्च का त्रिशूल बनाम क्रॉस का आव्हान और अब दिल्ली से यह पत्र?
2019 तक अब ऐसे ही खुरापातो से दो चार होना पड़ेगा, हमे सतर्क और जाग्रत रहना होगा...
1इस्लाम 2ईसाइयत 3 पारसी
इनमे से एक दूध में चीनी की तरह मिश्रित है, दो सनातन धर्म के खिलाफ अपने अपने मूल स्थानों की शह पर धर्म गुरुओं की आड़ में षडयंत्रो में व्यस्त रहते है।
ताजा उदाहरण है दिल्ली के आर्च विशप का पत्र जिसमे वो 2019 के चुनावों में "evil" से भारत को मुक्त करने का आव्हान करते है। विशप के नागरिक अधिकारों का तर्क न दीजियेगा क्योकि उन्होंने उक्त अपील निजी तौर पर नही बल्कि आर्च विशप की हैसियत से की है।
आर्च विशप की नियुक्ति वेटिकन जो कि एक संप्रभुता सम्पन्न देश का दर्जा रखता है और संयुक्त राष्ट्र का सदस्य भी है का मुखिया जिसे पोप कहा जाता है के द्वारा होती है, अब एक दूसरे देश के प्रमुख द्वारा नियुक्त व्यक्ति भारत के अंदरूनी मामलों वो भी राजनीतिक विषय पर कैसे दखलंदाजी कर सकते हैं?
ध्यान देने योग्य है कि वेटिकन और इटली एक जिस्म दो जान है और सोनियाजी इटली निवासी थी और उनके सुपुत्र को जन्म के 48 वर्षो बाद अपनी नानी के घर जाने की चाहत हुयी थी और वो गये भी थे
कानून मंत्रालय को संज्ञान लेना चाहिये क्योंकि आर्च विशप ने भारत की पूर्ण बहुमत से चुनी हुई सरकार को हटाने का आव्हान किया है।
दिल्ली में चर्चो पर फ़र्ज़ी हमले,फिर गांधीनगर के आर्च विशप का चुनावो के समय विष वमन, केरल के चर्चो के फतवे,झारखंड के विशप द्वारा सशस्त्र विद्रोह के लिये उकसाना, मिज़ोरम में चर्च का त्रिशूल बनाम क्रॉस का आव्हान और अब दिल्ली से यह पत्र?
2019 तक अब ऐसे ही खुरापातो से दो चार होना पड़ेगा, हमे सतर्क और जाग्रत रहना होगा...
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