Wednesday, 23 May 2018

छत्तीसगढ़ का पूरा आदिवासी इलाका धर्मांतरण की चपेट में हैं। जशपुर जाइए तो काले पुते घरों को देखकर पता चलता है कि इन सबने धर्म परिवर्तन कर लिया है। स्थानीय चर्च धर्मांतरित लोगों के घरों को काले रंग से इसलिए पुतवा रही है, ताकि गांवों में घुसतेे ही उन्हें पता चल जाएं कि उनके घर कितने हैं। बस्तर के जंगलों में बसे गांवों में जहां सड़क, स्कूल, अस्पताल नहीं है, वहां भी बड़े-बड़े चर्च बने हुए हैं। इन्हें लोकतंत्र नहीं धर्मांतरण खतरे में दिख रहा है। ये कहते हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं होता, लेकिन इनके मुताबिक वह ईसाई हो सकता है।यह है इनकी दोहरी नीति। इस हफ्ते ही राहुल गांधी की छत्तीसगढ़ में हुई एक सभा (अजीत जोगी का इलाका, जो तकरीबन 90 फीसदी जनजातीय और करीब 70 फीसदी धर्मांतरण से ईसाई बने लोगों का है) वहां राजगोपाल पीव्ही डरा रहे थे कि देश में मंदिर का डर है।
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वैटिकन भी एक देश है पर वैटिकन खुद सेक्युलर नहीं ,बल्कि एक घोषित इसाई देश है, वैटिकन खुद को सेक्युलर देश नहीं बनाना चाहता ,वो हमेशा से ही घोषित इसाई देश हैवैटिकन के बहुत से एजेंट  वैटिकन के इशारे पर भारत में अराजकता फ़ैलाने के लिए तैयार है, पिछले कई दिनों से वैटिकन के इशारे पर भारत के चर्च हिन्दुओ के खिलाफ जहर उगल रहे है और मोदी का नाम लेकर हिन्दुओ पर निशाना साध रहे है....आर्क बिशप ने तो फिर भी संभल कर चिट्ठी लिखी थी. वैटिकन न्यूज़ की वेबसाइट ने तो लिखा है भारत में हिंदुओं की पार्टी की सरकार को हटाने के लिए प्रार्थना कीजिए!
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2019 में..
चर्च वाले चाहते हैं मोदी सरकार न बने,
मदरसे वाले चाहते हैं मोदी सरकार न बने,
अब सोचना सिर्फ है मंदिर वालों को ही है..
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फादर.. राजनीति में मत पड़िये ....और चर्चो को भी मत घसिटीए
वरना अगर कोई शंकराचार्य, महामंडलेश्वर,साधु,महात्मा,मंदिर,मठ इसमे कूद पड़ा तो उसके बाद का रिवर्स स्विंग आप झेल नही पाओगे 
क्योंकि देश की बड़ी आवादी भले ही पिज्जा,बर्गर,पास्ता खा ले
लेकिन ....पंचामृत लेने में पीछे नही हटती
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अब तो मस्जिदों के साथ-साथ चर्चो से भी मोदी जी के खिलाफ फतवा निकलने लगा...
सब यीशु के पुत्र हैं और यीशु सबको प्यार करते हैं मगर मोदी और हिंदुयों को छोड़कर 😢
इस्लाम अमन और भाईचारे का मजहब है लेकिन इस्लाम के विरुद्ध कुछ भी बोला तो काट डालेंगे 

कभ
ी तो मंदिरों से भी एकजुटता का परिचय दो... हिन्दुओ 

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ग्लोबल क्रिस्चियन काउंसिल और वर्ल्ड इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन सोनिया गाँधी के साथ मिलकर, एक साल पहले से कर्नाटक चुनाव में भाजपा को हराने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी कर रही थी। यहाँ तक कि लिंगायत को हिन्दुओं से अलग करने की स्ट्रेटजी इन धार्मिक संस्थाओं ने बनाया था ....काँग्रेस ने सिर्फ उस रणनीति को इम्प्लीमेंट किया था।
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लोकतन्त्र पर चर्च का हमला 
पहले मस्जिदों से भाजपा के खिलाफ फतवे निकलते थे,अब चर्च के हेड पिताजी ने मोदी को हराने के लिए प्रार्थना करने की अपील की है,
देश के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का षड़यंत्र रचने वाले इन वेटिकन के मानस पुत्रों की भाषा देखो । ये 2019 में देश की मौजूदा सरकार को हटाने के लिए चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएँ आयोजित करने की अपील कर रहे हैं ।
कथित सेवा कार्य की आड़ में भारत मे हिन्दुओं के #मतान्तरणका पाप कर रही मिशनरियों की कार्यपद्धति किसी से छुपी नहीं हैं । चिकित्सा, शिक्षा, अंधविश्वास और ढोंग के द्वारा हिन्दुओं की अनेक जातियों को लक्षित कर मतान्तरण का कुचक्र वैटिकन और उसकी बेटी के इशारे पर इस देश में धड़ल्ले से चल रहा था । अब पिछले चार साल से पोप की बेटी के सत्ताच्युत होने और #विदेशी_धन पर कुछ रोक लगने से ये बिलबिला उठे हैं । 
 पहली बार एक पूर्ण बहूमत वाली  सरकार आई है और उसने तुष्टिकरण की राजनीति को बंद कर दिया है और धर्म परिवर्तन के लिये विदेशों से आ रहे अथाह चंदों को भी रोक दिया तो इन गद्दारों के और भारत में इनके समर्थक राजनैतिक दलों के पेट में दर्द उठना स्वाभाविक ही है 
दुसरी तरफ  हिंदू छोटे छोटे निजी स्वार्थों के लिये अपनी हिंदू सरकार को कोसने से पीछे नहीं हटते।दरअसल अनेक प्रदेशों में मतान्तरण के लिए बने कड़े कानून ही इनके लिए धर्मनिरपेक्षता को खतरा है । 
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जम्मू के कैम्पो में पिछले 6 महीनो में 16000 नए रोहिंग्या बच्चे पैदा हुवे है !
बताया जा रहा हे की इनके पास खाने को अन्न नहीं पीने के लिए पानी नहीं पहनने को कपडे नहीं हे तो ये "फार्मी मुर्गियों" के अंडो की जैसे बच्चे क्यों निकाल रहे हे ?

इनका एक ही मकसद हे वो हे जिहाद , इन्हे म्यांमार से इसीलिए भगाया गया था की उन्होंने वँहा के बौद्ध निवासियों के लिए खतरा पैदा कर दिया था अब भारत के हिंदुवो की बारी हे
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दुर्भाग्य देखिए कि 100 हिंदुओं की हत्या करने बाले गिरोह को भारत में बसाने के लिए .....
समर्थन में राजनीतिक दल भी हैं और उनके गुलाम भी हैं ।
हिन्दू नरसंघार कभी कोई मुद्दा ही नहीं रहा कभी इस सेक्युवाद से ग्रसित इस देश में ।

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