Tuesday 22 May 2018

सावधान.
*बड़ा और सुलगता सवाल यह है कि चर्च ने अपने 2हजार साल से फिक्स डे "संडे" को छोड़ कर क्यों शुक्रवार को प्रार्थना करने की ओट मे मोदी विरोध या कांग्रेस समर्थन के एजेंडा को चुना है जैसा की अनिल काउटो के पत्र से पता चला है..!*
जबकि पूरी दुनिया जानती है कि शुक्रवार को कौन प्रार्थना करता है..!
*फिर क्या अभी भी कोई संदेह बाकी रह गया है कि दोनो कौम अंदरखाने मे एकराय होकर हिंदुत्व को निगलने के षडयन्त्र की शुरूआत कर चुके है...!
*अब आप जानिये कि मदरसा तो मोदी सरकार द्वारा उसका नकाब नोचने के कारण विरोधी था ही लेकिन कैसे और क्यों चर्च अचानक सक्रीय हो कर मुखर हो गया..?
*उसकी किस दुखती रग पर मोदी ने हाथ रख दिया..?
करीब 100-200 साल से चर्च लगातार मेहनत करके झारखंड,छत्तीसगढ़ के हिन्दू आदिवासियो को लगभग 30-35% ईसाइयत मे कन्वर्टेड करा दिया जबकि उत्तर पूर्व के सातो राज्यों मे करीब 70-80% हिंदुओं का ईसाई धर्म मे धर्मान्तरित करा दिया था....
*लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद राष्ट्रवादी नीतियों ने मदरसा और मसीही समाज के षडयन्त्रो को नंगा कर दिया है और 10 लथपथ वाली फिरंगन एजेंट भी जब अपना मिशन पूरा करने मे असफल हो गई तो बेचारे वेटीकन के विषाणु बिलबिला कर अपना नकाब उतार कर मैदान मे आ गये है....!!*
*बस यही कारण है और कुछ नही लाखो करोड़ डालर का इनवेस्टमेंट और जब कश्ती किनारे पहुंचने वाली ही थी की मोदी ने भगवा आतंकियो के बल पर उसे डुबा दिया और सातो राज्यों मे संघ के भगवाधारी प्रभावी भूमिका मे आ गये....!!!!*
फिलहाल...अभी भी सोते हुये हिंदुओ के कुंभकर्णो,धर्मनिरपेक्षता का राग अलापते सनातन कुल के मूढ़मतियों....कुचले जाने से पहले ही जग जाओ तो बेहतर है..
*अन्यथा घात लगाये भेड़िये तुम्हारे दरवाजे पर पहुंच चुके है.....देखो कि धर्म पर तर्क कुतर्क आधारित जो खुली बहस कभी संभव नही थी अब वो खुल कर चैनलो पर चलने लगी है और मदरसा वाले अमन के और चर्च जनित मसीही शांति के श्वेत कपोतो की चोंचों मे सनातन के रक्त के धब्बे और उनके पंजों मे हमे निगल जाने की अकुलाहट साफ साफ दिख रही हैं...

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