Sunday 13 May 2018

मीडिया फेक न्यूज की फैक्ट्री .../

फेक न्यूज की फैक्ट्री चलाने वाले अभिसार शर्मा और पद्मजा जोशी जैसे पत्रकारों के अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया, द वायर, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे जैसे बड़े पत्र-पत्रिकाओं की पोल सीबीआई ने खोल दी है..
 लगता है इन्होंने उन्नाव रेप मामले को भी कठुआ मामले जैसा बनाने की सुपारी ले रखी है ! तभी तो इन लोगों ने उन्नाव रेप मामले के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के जुर्म कबूलने की फेक न्यूज को प्रचारित और प्रसारित करना शुरू कर दिया था। 
सभी ने सीबीआई के हवाले से गलत खबर चलानी शुरू कर थी दी कि सीबीआई ने सेंगर के जुर्म स्वीकारने की पुष्टि की है। जबकि सीबीआई ने ऐसा कुछ बताया ही नहीं था। उल्टे सीबीआई ने प्रेस रिलीज जारी कर Fake news चलाने वालों की पोल खोल कर रख दी है।
* देश के बड़े-बड़े राष्ट्रीय दैनिक अखबारों ने आरोपी एमएलए सेंगर के जुर्म कबूलने की खबरें प्रकाशित की
* सीबीआई ने प्रेस रिलीज जारी कर इस संदर्भ की सारी खबरों को बताया आधारहीन और फर्जी ...
 सबसे सक्रिय भूमिका एबीपी न्यूज चैनल के पत्रकार अभिसार शर्मा निभाते दिखे। ये वही अभिसार शर्मा हैं जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और जिनकी पत्नी किसी को फंसाने की नियत से बलात्कार का आरोप लगा चुकी हैं। 
उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से किए ट्वीट में लिखा है... “नौकरी का झांसा देकर विधायक के घर लड़की को लाया गया था, जिसके बाद विधायक ने 4 जून को लड़की के साथ रेप किया। 4 और 10 जून के बीच लड़की कुछ नहीं बोली,उसे धमकाया गया। 11जून को उसका तीन लोगों शुभम सिंह, अवधनारायण और ब्रिजेश यादव ने अपहरण कर लिया और उसके साथ चलती गाड़ी में रेप करते रहे।”

अभिसार शर्मा झूठ फलाने में और आगे निकल गये ! उन्होंने अपने अगले ट्वीट में सीबीआई के हवाले से लिखा, “सीबीआई ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ लगे आरोपों की पुष्टि की... शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने का झांसा देकर कुलदीप को घर लाई। 11 जून को पीड़िता का तीन युवकों ने अपहरण कर लगातार एसयूवी में किया रेप और अब सीबीआई स्थानीय पुलिस की भूमिका की जांच कर रही है।” 
अभिसार शर्मा ने यह सारा झूठ सीबीआई का नाम लेकर फैलाया, जबकि सीबीआई ने न तो ऐसा कोई बयान जारी किया था और न ही किसी तरह का प्रेस रिलीज ही जारी किया था! 
इंडिया टुडे की पत्रकार पद्मजा जोशी ने भी इस संदर्भ में ट्वीट किया है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे बलात्कार के आरोप की पुष्टि की, उत्तर प्रदेश पुलिस इस जांच को प्रभावित करने की कोशिश की।
 इसी प्रकार ‘द वायर’ ने अपनी वेबसाइट पर सेंगर पर लगे बलात्कार के आरोप की सीबीआई द्वारा पुष्टि की खबर लगाई।
 न्यूज-18 ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए लिखा है कि ‘बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक सेंगर के खिलाफ सीबीआई के पास पुख्ता सबूत है।’ 
इस प्रकार टाइम्स ऑफ इंडिया और हिंदुस्तान टाइम्स ने इस झूठ को फैलाने के लिए खबर प्रकाशित की। 
सीबीआई  प्रेस रिलीज 
 सीबीआई ने अपनी जारी प्रेस रिलीज में कहा है कि उसने किसी भी पत्रकार या मीडिया पर्सन को इस मामले की जांच के संदर्भ में किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी है।इस प्रकार की फेक न्यूज क्यों चलाई गई? मंशा स्पष्ट है। एक तो पहले इस प्रकार की न्यूज चलाकर भाजपा को बलात्कारियों की पार्टी साबित करो। दूसरी बात ये कि इस प्रकार के फेक न्यूज चलाने वाले ये जानते हैं कि उनकी पोल खुलेगी। ऐसे में बचने के लिए उस संस्था को बदनाम कर दो कि वह तो सरकार के इशारे पर काम करने वाली है। इस मामले में भी यही हुआ है।
 पहले तो सीबीआई के हवाले से ही फेक न्यूज का प्रचार प्रसार किया। अब जब सीबीआई ने पोल खोल दी है, तो ऐसे Fake news makers सरकार और सीबीआई पर हमलावर हैं।

इससे स्पष्ट होता है कि देश में फेक न्यूज का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। कठुआ मामले में भी फेक न्यूज को ही अभी तक तरजीह मिलती दिख रही है। क्योंकि कठुआ रेप और हत्या के मामले में अभी तक जितने भी ग्राउंड या इनवेस्टिगेंटिग रिपोर्टिंग सामने आई है उसमें यही दिखा है कि आरोपियों को जानबूझ कर फंसाया गया है और हिंदुओं तथा मंदिरों को बदनाम करने की साजिश हुई है।












सवर्णवाद_मुर्दाबाद ? हमका तो पतै नै चला कि "दिलावर खान, नजीर खान, बिलाल खान" भी सवर्णों में आते हैं...
बारम्बार दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारने और मारपीट की ख़बरें पढ़ते रहे, लेकिन कभी आरोपियों का नाम छपा नहीं था, तो हमें कैसे पता चलता कि दिलावर खान (ब्राहमण), नजीर खान (बनिया) और बिलाल खान (ठाकुर) है ?
"चर्च से पैसा खाकर, दलितों के हित में "कथित चिंतन" करने वालों को सलाम.."

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