..किशनगंगा प्रोजेक्ट का काम पूरा, मोदी करेंगे उदघाटन
. नेहरू और जिन्ना की करतूतों का अंजाम भारत आज तक झेल रहा है. मगर पीएम मोदी ने ऐसा एक्शन लिया है, जिससे ना’पाक का सबसे बुरा सपना सच होने जा रहा है.5750 करोड़ का ये सबसे बड़ा हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट हुआ पूरा, पाकिस्तान में मचा तहलका.
भारत की बिजली की कमी होगी ख़त्म
पाकिस्तान के विरोध के बावजूद पीएम मोदी ने झेलम-चिनाब की सहायक नदियों पर दो हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पर काम शुरू करवाया था. इसमें किशनगंगा प्रोजेक्ट 330 मेगावाट का है, जबकि रातले प्रोजेक्ट की क्षमता 850 मेगावाट है. किशनगंगा प्रोजेक्ट बन कर तैयार हो चुका है. नदी पर बाँध बनाया जा चुका है.
इस प्रोजेक्ट के जरिये प्रतिवर्ष लगभग 171 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा, जिससे देश में बिजली की कमी ख़त्म हो जायेगी. मगर ये तो इस प्रोजेक्ट का एक छोटा सा फायदा भर है. असली फायदा तो ये है कि ये प्रोजेक्ट पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सामरिक ताकत को बढ़ाएगा .भारतीय सेना ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी सहायता की व् सुरक्षा मुहैया करवाई !!!
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एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल-सड़क पुल
ऊपर 4 लेन सड़क और नीचे 2 लेन रेल लाइन बिछा दी गई ..
वर्ष 2002 में अटल जी ने चीन को दृष्टिगत रखकर रक्षा साजो-सामान और रसद आदी सुरक्षा सेनाओ को उपलब्ध कराने के लिए आसाम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने के लिए एशिया का दूसरा सबसे लंबा 4.94 km रेल-सड़क पुल की आधारशिला रखी थी.. बीच मे मनमोहन सरकार के काल इसके कार्य को प्राथमिकता नही दी गई..
मोदी सरकार आते ही इसके कार्य की प्रगति दिन दूनी रात चौगुनी की गति से पूर्ण हुआ. पुल में ऊपर 4 लेन सड़क है और नीचे 2 लेन रेल लाइन बिछा दी गई है..और अब पुल की बाहरी फिनिशिंग हो रही है। वर्ष के अंत मे इस पुल का उद्दघाटन पीएम मोदी करेगे.उद्दघाटन के पश्चात पुल से तेजपुर भी जुड़ जाएगा जंहा तक वर्ष 1962 में चीनी सेनाये पहुंच गई थी..
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एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल-सड़क पुल
ऊपर 4 लेन सड़क और नीचे 2 लेन रेल लाइन बिछा दी गई ..
वर्ष 2002 में अटल जी ने चीन को दृष्टिगत रखकर रक्षा साजो-सामान और रसद आदी सुरक्षा सेनाओ को उपलब्ध कराने के लिए आसाम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने के लिए एशिया का दूसरा सबसे लंबा 4.94 km रेल-सड़क पुल की आधारशिला रखी थी.. बीच मे मनमोहन सरकार के काल इसके कार्य को प्राथमिकता नही दी गई..
मोदी सरकार आते ही इसके कार्य की प्रगति दिन दूनी रात चौगुनी की गति से पूर्ण हुआ. पुल में ऊपर 4 लेन सड़क है और नीचे 2 लेन रेल लाइन बिछा दी गई है..और अब पुल की बाहरी फिनिशिंग हो रही है। वर्ष के अंत मे इस पुल का उद्दघाटन पीएम मोदी करेगे.उद्दघाटन के पश्चात पुल से तेजपुर भी जुड़ जाएगा जंहा तक वर्ष 1962 में चीनी सेनाये पहुंच गई थी..
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