छत्तीसगढ़ में कोटमी की सभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच शेयर कर रहे एकता परिषद के राजगोपाल पीव्ही ने मंच से भाषण देते हुए कहा कि देश में जाति का डर है, धर्म का डर है, मंदिर का डर है... (ये भाषण केवल मेरे पास ही नहीं, वहां मौजूद हर कैमरे में रिकॉर्ड है)... मुझे "मंदिर का डर" वाली बात समझ में नहीं आई... "मंदिर का डर है" कहने के मायने क्या हैं... ( ध्यान रहे, केवल मंदिर का डर कहा गया, मस्जिद या चर्च या गुरुद्वारे का उल्लेख नहीं किया गया।) एक हिंदू धर्मावलंबी होने के कारण मैं समझ नहीं पा रही हूं कि मंदिर का डर क्या होता है... और ऐसा कहकर कांग्रेस या उनके सहयोगी किसे डरा रहे हैं... पत्रकारों का भी दायित्व बनता है कि ऐसे भाषणों या वक्त्व्यों पर जबाव तलब करें....
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