Wednesday 20 June 2018


"भारतीय रेलवे, एक बड़े बदलाव की ओर"
आज कल देशवासी ट्रेन की लेट लतीफी से बहुत परेशान है और वो इसके लिए सरकार को दोषी मान रहे है, रेल मंत्री को गारिया रहे है....
बहुत से देशवासियों को यह पता ही नहीं होगा कि भारतीय रेलवे कितने बड़े बदलाव से गुजर रहा है, इस देश में जो इंसान, समाज और देश हित के लिए काम करेगा, इस देश की औसत अल्प ज्ञानी जनता उसकी आलोचना ही करेगी, सच्चाई को जाने बिना आप लोग मोदी सरकार और रेल मंत्री को गरियाना शुरू कर देते हो.....
आपको पता नहीं शायद ट्रेनों के लेट होने के पीछे की वजह... आज जो दिक्कत, परेशानी हो रही है आने वाले कुछ ही दिनों में आपको फर्क पता चलेगा....
भारतीय रेलवे के लिए मोदी सरकार कितना बड़ा बदलाव कर रही है ज़रा देखिए एक नजर... 👇👇
👉 देश भर में रेलवे की पटरियों को दुरुस्त करने और बदलने का कार्य युद्ध स्तर पर खामोशी से चल रहा है....
👉 पटरियों को ऐसा बनाया जा रहा है कि उस पर ट्रेन 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सके....
👉 सभी रेल रूट को इलेक्ट्रिक करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है...
👉 रेल फ्रेट करिडोर बनाया जा रहा है जिसपर सिर्फ माल गाड़ियां दौड़ेंगी पहले से दुगनी गति के साथ... ज्यादातर मालगाड़ियों की वजह से ट्रेन लेट होती है....
👉 रेलवे के पुराने ट्रैफिकिंग सिस्टम को आधुनिक ट्रैफिकिंग सिस्टम से बदला जा रहा है...
👉 सभी ट्रेनों को एक एक कर आधुनिकीकरण और टेक्नोलॉजी से लैस सुविधाओं जैसे WiFi इत्यादि सेवाओं को प्रदान करने की ओर कार्य तेज़ी से प्रारंभ है...
👉 सभी ट्रेनों के पुराने इंजन और कोच को नए और आधुनिक इंजन और कोचेस से बदला जा रहा है...
👉 ट्रेनों में बायो टॉयलेट, सेंसर युक्त नल इत्यादि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का स्तेमाल किया का रहा है...
👉 सबसे बड़ी बात भारतीय रेलवे की ट्रेनों को 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाने के लिए तैयार किया जा रहा है, बिना दुर्घटना...
👉 दुर्घटना को कम करने के लिए रेलवे के इंजनों में खास तरह के सेंसर्स लगाए जा रहे है, जो 100/200 मीटर आगे की पटरियों की स्थिति को भांपने में सक्षम होंगे...
👉 देश भर के रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रह है, वर्ल्ड क्लास सुविधाएं आम नागरिक को भी उपलब्ध करवाई जा रही है जैसे रेलवे प्लेटफॉर्म पर लिफ्ट, एलिवेटर, WiFi, स्वछता, सौंदर्यीकरण, ओवर ब्रिज, अंडर पास इत्यादि का निर्माण हो रहा है..
यह सब काम खामोशी से हो रहा है जिसकी कहीं किसी मीडिया द्वारा कोई रिपोर्टिंग नहीं की जा रही.... बल्कि इस ओर किसी का कोई ध्यान ही नहीं है.... भारतीय रेल बहुत बड़े बदलाव से गुजर रहा है आज थोड़ा कष्ट जरूर है लेकिन आने वाले दिनों में यह दर्द आपको रेलवे के बड़े बदलाव की सुखद अनुभूति करवाने वाला है...
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राजस्थान के गंगानगर जिले के भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर के BSF के सभी पोस्ट्स सोलर पावर से इक्यूपड हो चुके हैं। और ये काम सोलर एनर्जी से संबंधित कम्पनी Su-Kam ने किया है। प्रत्येक पोस्ट 1.5 किलोवाट सोलर सिस्टम से सज हैं। लाइट सिस्टम,चार्जिंग पॉइंट्स और दो-तीन पंखें हर पोस्ट्स में है। इनके कम्युनिकेशन सिस्टम मसलन मोबाइल फोन्स और वायरलेस के चार्जिंग की चिंता अब नहीं है।
इसके लिए पहले डीजल जेनरेटर पे ही निर्भर रहना पड़ता था। और भौगोलिक दृष्टि से डीजल की आपूर्ति जरा महंगी पड़ती थी और समय पे न पहुँचने पे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अब इस झंझट से निजात पा लिया गया है।
राजस्थान, गुजरात से लगते हुए पाकिस्तान के साथ जितने भी बॉर्डर एरिया हैं उनमें ये काम तेजी से किया जा रहा है।
सरकार Solar Energy Corporation of India (SECI) के साथ 25 साल का अग्रीमेंट किया है इन सब कार्यो के लिए।
वैसे बहुत कोई जानते भी होंगे ये। लेकिन फिर भी मैंने ये लिखा क्योंकि मैं नहीं जान रहा था। 😊😊
संघी गंगवा
खोपोली से।




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