Tuesday 12 June 2018

विश्वभर में अपनी तकनीक के लिए विख्यात :
कहाँ दफ़न हो गया गांधार देश! भारतीय विरासत में दर्ज है इसका नाम!

गांधार देश के इतिहास को आज फिर से पढ़ने की आवश्यकता है.

भारत का एक ऐसा राज्य या जनपद जो विश्वभर में अपनी तकनीक के लिए विख्यात था. वह वक़्त के साथ गांधार देश कहीं दफ़न हो गया है.

आज हम आपको गांधार देश के पूरे सच से वाकिफ कराने वाले हैं तो पढ़िए गांधार का पूरा सच-

1. आपने महाभारत में गांधारी का नाम तो सुना ही होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि उनका नाम गांधारी इसलिए था क्योकि वह गांधार देश की राजकुमारी थीं. आपको शायद पता ना हो लेकिन शकुनी इसी जनपद का राजा था.
2. महाभारत के अनुसार भारत को मुख्यत: 16 जनपदों में स्थापित किया गया था. इन्हीं जनपदों में से एक गांधार था.
3. महाभारत में हमको गांधार नरेश और गांधारी के होने से यह सबूत मिलता है. गांधार कभी भारत का सबसे खुशहाल राज्य या जनपद था. बड़े आयुर्वेद अस्पतालों के लिए यह जाना जाता था.
4. आज के पाकिस्तान का पश्चिमी तथा अफगानिस्तान का पूर्वी क्षेत्र उस काल में भारत का गंधार प्रदेश था.
5. 7वीं शती जब मोहम्बद बिन कासिक का सिंध और बलूचिस्तान पर आक्रमण हुआ तब गंधार के अनेक भागों में बौद्ध धर्म काफी उन्नत स्थित में था और यहां हिन्दूशाही के राजा राज करते थे. इस बात के भरपूर सबूत मिल चुके हैं.
6. ऋग्वेद में गंधार के निवासियों को गंधारी कहा गया है तथा उनकी भेड़ो के ऊन को सराहा गया है. शास्त्र अथर्ववेद में गंधारियों का मूजवतों के साथ उल्लेख किया गया है. वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में गंधर्वदेश की भी स्थिति बताई गई है. कैकय जनपद इसके पूर्व की ओर स्थित था.
7. तक्षशिला का तो नाम आपने सुना ही होगा. यह गांधार देश की राजधानी थी और शिक्षा के क्षेत्र में इस राजधानी का विशेष योगदान था. आचार्य चाणक्य यहाँ के आचार्य हुआ करते थे.
8. भारत में घुसने के लिए यह एक दरवाजा था. गांधार देश से ही अधिकतर व्यापारी भारत में घुसते थे. जब मुस्लिम शासक यहाँ आये तो उनकी गन्दी नजर इस जनपद पर पड़ी थी.
9. इसका अस्तित्व 600 ईसा पूर्व से 11वीं सदी तक रहा. कुषाण शासकों के दौरान यहाँ बौद्ध धर्म बहुत फला फूला पर बाद में मुस्लिम आक्रमण के कारण इसका पतन हो गया.
10. इतिहास की कुछ पुस्तकों के अनुसार 870 ई॰ में अरब सेनापति याकूब एलेस ने अफ़ग़ानिस्तान को अपने अधिकार में कर लिया था और इसके बाद काफ़ी समय तक यहाँ हिंदू तथा बौद्ध अनेक क्षेत्रों में रहते रहे. लेकिन एक समय बाद हिन्दू यहाँ से गायब हो गये और इसके साथ ही गांधार देश का भी पतन हो गया.
आप गांधार देश के इतिहास को महाभारत और पुस्तक आचार्य चाणक्य और चन्द्रगुप्त (लेखक-प्रेमचंद महेश) से जाँच सकते हैं.
यहाँ आपको गांधार देश का पूरा इतिहास पढ़ने को मिलेगा. लेकिन यह बात सत्य है कि गांधार देश जो कभी चाणक्य का साम्राज्य कहा जाता था वह आज सिर्फ और सिर्फ किताबों में ही बचा हुआ है.

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