Thursday 28 June 2018

चीन में बने उत्पाद सबसे नुकसानदेह..WHO की रिपोर्ट..
भारत के उपभोक्ता सावधान रहे, चीनी उत्पादों से बचे..
ऐसे जूते जिसमें जहरीले रसायन हों, या ऐसे कपड़े जो एलर्जी पैदा करें. स्वास्थ्य पर खराब असर डालने वाली अधिकतर चीजें आती हैं, चीन से.
जहरीले उत्पादों के बारे में चेतावनी देने वाली संस्था यूरोपीय रैपिड इंफॉर्मेशन सिस्टम (रैपेक्स) ने 2013 में खाने पीने के अलावा अन्य 2,364 उत्पादों के बारे में इस तरह की चेतावनी दी. रैपेक्स ने इन्हें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया था!
ऐसे मामले में चीन सबसे आगे
आयात किए जा रहे ज्यादातर नुकसानदेह उत्पादों में 25 फीसदी खिलौने और कपड़े हैं. इसके बाद नौ फीसदी विद्युत उपकरण और मोबाइल फोन, सात फीसदी मोटर गाड़ियां और चार फीसदी कॉस्मेटिक का सामान है. कुल मिलाकर पाया गया कि 64 फीसदी उत्पाद चीन से आ रहे हैं. खासकर हंगकांग से क्योंकि चीन का ज्यादातर माल यूरोपीय बाजारों में आकर बिक रहा है।
कपड़ों, जूतों और खिलौनों में इस्तेमाल हो रहे केमिकल एलर्जी और अन्य बीमारियां फैलाने वाले हैं. जैसे जूतों में क्रोमियम छह इस्तेमाल हो रहा है. यूरोपीय संघ में आयात हुए इन उत्पादों की जांच की जिम्मेदारी रैपेक्स की है, जिसे करीब एक दशक पहले स्थापित किया गया था.
2003 में रैपेक्स ने करीब 200 चेतावनियां दी थीं. यूरोपीय संघ की आयुक्त नेवेन मिमित्सा ने कहा, "यह बेहतर नियंत्रण और बेहतर जांच का सबूत है. हम प्राथमिक जांच की क्षमता में इजाफा देख रहे हैं."
ईयू( यूरोपियन यूनियन) निर्माताओं को भी चेतावनी..
ईयू दिशानिर्देशों के अनुसार काम करने और उनके मानक बेहतर ढंग से समझने में यूरोपीय संघ चीन के निर्माताओं की मदद कर रहा है. यूरोपीय संघ की 15 फीसदी चेतावनी यूरोप में निर्मित उत्पादों के लिए है. इसमें दो फीसदी हिस्सेदारी जर्मनी की, दो इटली और एक फीसदी बुल्गारिया की है. हालांकि यूरोपीय संघ में ही बन रहे नुकसानदेह उत्पादों की मात्रा कम 2004 के बाद से कम हुई है, तब यह 27 फीसदी थी.
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा की दिशा में मिलकर काम किया है. ईयू के देशों में पिछले साल ज्यादा चेतावनियां हंगरी में तैयार हुए उत्पादों को मिली थी.

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