Friday, 25 December 2015

विजय कृष्ण पांडेय
एलियन का रहस्य
जिस तरह पुरी के शंकराचार्य भारतीकृष्णतीर्थ
जी ने ध्यान ओर समाधि की अवस्था मे वैदिक
गणित के 16 सूत्र के दर्शन किए ओर उन पर
वैदिक गणित नामक एक पुस्तक की रचना की
ठीक इसी तरह एक योगी श्री जितेन्द्र लं. खडके
ने "परगृहवासियांचे अस्तित्व"नामक ग्रंथ की
रचना की है।
लेखक ने ध्यान समाधि द्वारा एलियन के
लगभग 350 रहस्य अपनी इस पुस्तक
मे किए है।
पंतजली कृत योगदर्शन मे आया है,,,
"भुवन ज्ञानं सूर्य संयमात्॥3:26॥
सूर्य का संयम करने पर 14 भुवनो का ज्ञान
हो जाता है।
"मूर्ध्य ज्योतिषी सिध्द दर्शनाम्॥3:28॥
ब्रह्मरंध्र मे संयम करने पर लोक परलोक और
पृथ्वी के बीच मे विचरण करने वाले सिध्दो
(एलियन्स) के दर्शन ओर उनके बारे मे ज्ञान
प्राप्त होता है।
लेखक का दावा है कि इस पुस्तक मे एलियन
के बारे मे जो जानकारी है वह किसी भी
वैज्ञानिक और नासा के पास भी नही है।
पुस्तक के कुछ अंश एलियन्स के बारे मे-
1) इस पृथ्वी पर जिस तरह लोग रहते है
ठीक उसी तरह अन्य गृह पर सजीव रहते है।
2) जरा सोचिए अगर कोई एलियन हमारी
पृथ्वी पर किसी सुनसान जगह पर उतरा
जहा कोई सजीव उसे दिखाई न दे तो वह
यही सोचेगा कि पृथ्वी पर कोई जीवन नही
है ठीक उसी प्रकार हम दूसरे ग्रह के बारे मे
सोचते है।
3) हम पृथ्वी पर आक्सीजन के सहारे रहते है।
मछलिया जल मे घुली हुई आक्सीजन के सहारे
रहती है,अग्नि तत्वो मे भी सूक्ष्म जीव पाए जाते
है,उसी तरह एलियन भी मंगल,सूर्य,शनि इत्यादि
ग्रहों पर उपस्थित तत्वो के सहारे जीते है।
4) एलियन के पास जैली जैसी एक चीज है
जिसमे अनोखा जानलेवा जन्तु है।
5) बर्म्युडा ट्रेंगल के चारो ओर 2 kM चोडा
ओर 2 km गहराई मे एलियन्स का नियंत्रण है।
6) एलियन्स को हमारी तरह भ्रमण ध्वनी यंत्रो
की जरूरत नही होती है बल्की वे एक दूसरे से
सीधा संपर्क कर सकते है।
7) मंगल ग्रह पर 100 फीट की गहराई मे जल
का स्रोत है।
8) कुछ एलियन तो उनके ग्रहों पर बैठे बैठे
हमारे ग्रह की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
9) एलियनो के पास एक ऐसा यन्त्र है जिससे
वह हमारे ग्रह के सजीवों के लगा देते है ओर
उनके बारे मे जानकारी प्राप्त करते है।
10)एलियन की उडन तस्तरियो की रफ्तार
1/2 कि.मी./सै. है।
11) एलियनो की उडनतस्तरियो मे गुरूत्वाकर्षण
शक्ति का प्रयोग होता है ओर वे 50 फीट ऊपर से
कोई भी वस्तु अपनी तरफ खीच सकते है।
12) एलियन की कई तस्तरिया चालक विहीन है।
13) सूर्य के अगले हिस्सो मे एलियन का एक
संसार है जिनकी लंबाई मात्र 3 फीट है।
14) जिस तरह पृथ्वी पर उल्कावर्षण होता है
ठीक उसी तरह मंगलगृह पर काले पत्थरो का
वर्षण होता है।
15) कुछ ग्रह के एलियन का शरीर रबर की
तरह लचीला होता है।
16) कुछ ग्रह पर डायनासोर से भी विशाल
एलियन है।
17) कुछ एलियन हवा मे उपस्थित अणु ओर
रेणु को एकत्रित कर उनसे कम्प्युटर जैसी
स्क्रीन बना लेते है जिससे वह आपस मे
संपर्क करते है ।
18) मंगल ग्रह पर 7 से 9किमी. गोल गोल
घेरो वाली बडी बडी सरोवरे है जो दबी हुई है।
19) मंगल ग्रह पर अलग अलग जगह अलग
अलग मृदा (मिट्टी) पायी जाती है,कई ताम्र
रंग की कई चमकीली कई भुरहरी मृदा पायी
जाती है।
20) सूर्य से 1000 सोर वर्ष दूर सूर्य से 25
गुना बडा एक तारा है जिसके प्रत्येक ग्रह पर
एलियन है।
21) अधिकतर एलियन अपने अपने ग्रहों पर
नरम स्थानो पर रहते है।
22) मंगल ग्रह पर 70 से 75 फीट नीचे धाव
पट्टिया है।
23) शनि ग्रह पर 62000 मील भीतर वलय
पर वातावरण का बार बार बदलाव होता है।
24) 2050 ओर 2060 मे एलियन पृथ्वी पर
हमला करेगे ओर भविष्य मे सागर के बीच मे
से बडा उद्रेक होगा।
लेखक के द्वारा मंगल चन्द्र पर जल की उपस्थिती
की भविष्यवाणी नासा ओर चंद्रयान के खोजने से
पूर्व कर दी गई थी।
लेखक से हमने फोन पर भी बात की है,लेखक
ने बताया कि मुद्रा ओर अन्य कुछ कारणो से
पुस्तक को प्रकाशित नही किया गया है।
लेखक इस पुस्तक को मराठी के अलावा हिन्दी,
अंग्रेजी,कन्नड,बंगाली,7 अन्य भाषाओ मे भी लिखेगे।
लेखक ने हमसे वादा किया है जल्द ही इसका
हिन्दी मे रूपान्तरण किया जाएगा ओर पहली
पुस्तक हमे दी जाएगी।
इस विडियो को भी देखे:-
http://m.youtube.com/watch
वास्तव मे भारत की ध्यान योग मे बहुत प्रबल
शक्ति है।
इसी ध्यान शक्ति के आधार पर ऋषियो ने प्राचीनकाल
मे कई आविष्कार ओर कई ऐसे सिध्दान्त प्रतिपादित
किए है जिनहै आज के वैज्ञानिक भी नही खोज पाए है।
‪#‎gauravharidwarblogspot‬;;
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हमे अपनी संस्कृति के ओर लौटना पढेगा
तभी हम फिर से विश्व गुरू बन पाएगे।

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