Friday, 18 December 2015

रणछोड़दास रबारी- 1200 पाकिस्तानी सैनिकों पर भारी पड़ गया था यह हिंदुस्तानी हीरो

हाल ही में भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने ‘मार्गदर्शक’ आम आदमी के सम्मान में अपनी बॉर्डर पोस्ट का नामकरण किया है।  उत्तर गुजरात के सुईगांव अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की एक बॉर्डर पोस्ट को रणछोड़दास पोस्ट नाम दिया है। इस पोस्ट पर रणछोड़दास की एक प्रतिमा भी लगाई जाएगी। ‘मार्गदर्शक’ जिसे की आम बोलचाल की भाषा में ‘पगी’ कहा जाता है वो आम इंसान होते है जो दुर्गम क्षेत्र में पुलिस और सेना के लिए पथ पर्दशक का काम करते है। ये उस क्षेत्र की भौगोलिक संरचना से भली भाति वाक़िफ़ होते है।
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साल 1971:रणछोड़भाई रबारी भी एक ऐसे ही इंसान थे जिन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 व 71 में हुए युद्ध के समय सेना का जो मार्गदर्शन किया, वह सामरिक दृष्टि से निर्णायक रहा। जनवरी-2013 में 112 वर्ष की उम्र में रणछोड़भाई रबारी का निधन हो गया था।
एक आम आदमी के ऊपर पहली बार पोस्ट का नामकरण
सुरक्षा बल की कई पोस्ट के नाम मंदिर, दरगाह और जवानों के नाम पर हैं, किन्तु रणछोड़भाई पहले ऐसे आम इंसान हैं, जिनके नाम पर पोस्ट का नामकरण किया गया है। रणछोड़भाई अविभाजित भारत के पेथापुर गथडो गांव के मूल निवासी थे। पेथापुर गथडो विभाजन के चलते पाकिस्तान में चला गया है। पशुधन के सहारे गुजारा करने वाले रणछोड़भाई पाकिस्तानी सैनिकों की प्रताड़ना से तंग आकर बनासकांठा (गुजरात) में बस गए थे।

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