Tuesday, 29 December 2015

दर्जनों बच्चे पैदा कर इस दुनिया में मुल्ले सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं
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मुस्लिम समुदाय की आबादी होगी सबसे अधिक इस सदी के अंत तक
भारत में कुछ समय पहले जारी जनगणना के आंकड़ों के अनुसार मुस्लिम समुदाय की आबादी 2001 से 2011 के बीच 10 साल में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17.22 करोड़ पहुंच गयी, वहीं हिंदुओं की जनसंख्या इस अवधि में 0.7 प्रतिशत कमी के साथ 96.63 करोड़ रह गयीl
वहीं भारत-बांग्लादेश सीमा को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित एक सदस्यीय हजारिका आयोग ने इस सिफारिश के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपी थी कि उच्चतम न्यायालय बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को लेकर चिंता के मुद्दों की एक उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे जिससे असम की मूल जनसंख्या के 2047 तक अल्पसंख्यक बन जाने का खतरा उत्पन्न हो गया हैl
मगर अब भारत ही नही पूरी दुनिया में मुस्लिमों की आबादी बेहद तेज गति से बढ़ रही है और इस सदी के अंत तक उनकी जनसंख्या सबसे अधिक हो सकती है। बल्कि यहां तक कि वे ईसाइयों को भी पीछे छोड़ सकते हैं। और ऐसा इतिहास में पहली बार होगा। ये अनुमान प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा जारी रिपोर्ट में लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय पूरी दुनिया के एक तिहाई लोग ईसाई धर्म को मानते हैं। वहीं 2.2 अरब समर्थकों के साथ यह धर्म दुनिया में सबसे आगे है मगर ऐसा बहुत समय तक नहीं रहेगा। और मुस्लिम जिस गति से बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से 2050 तक उनकी आबादी दुनिया की 30 फीसदी होगी और 2070 के बाद वे ईसाई धर्म को पार कर सकते हैं।
रिपोर्ट अनुसार ईसाइयों की संख्या कम नहीं हो रही है मगर उनकी आबादी बढ़ने की रफ्तार मुसलमानों जितनी नहीं है। इस कारण 2050 तक ईसाइयों की जनसंख्या 2.9 अरब हो जाएगी, वहीं मुस्लिम 1.6 अरब से 2.8 अरब पर पहुंच जाएंगे। रिपोर्ट में यह संभावना भी जताई कि इस दौरान ईसाइयत का केंद्र यूरोप से हटकर उप सहारा अफ्रीका हो जाएगा।
वहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि नास्तिकों यानी किसी धर्म को नहीं मानने वालों की जनसंख्या 2050 तक बेहद कम होने का अनुमान लगाया गया है। असल में कारण इस आबादी में जन्म दर का बेहद कम होना है।

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