Wednesday, 30 December 2015

एक ताने ने बदली भिखारी की जिंदगी, अब कर रहा है लॉ की पढ़ाई
शिव सिंह की जिंदगी एक ताने ने बदलकर रख दी है। भीख मांगकर जिंदगी गुजर बसर करने वाले 48 वर्षीय शिव सिंह ने राजस्‍थान यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज की प्रवेश परीक्षा को उत्‍तीर्ण करने के बाद वकालत की पढ़ाई कर रहा है।
शिव सिंह सुबह को घरों, मंदिरों और दुकानों में भीख मांगते हैं। तीन बजे के बाद उनके हाथ में कॉपी किताब नजर आती है और वह कॉलेज कैंपस में छात्रों के साथ पढ़ते हुए नजर आते हैं। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक उन्होंने कभी छुट्टी नहीं की। जिस दिन क्लास नहीं लगती, लाइब्रेरी हॉल में अकेले स्टडी करते रहते हैं।
शिव ने बताया कि एक दिन जब किसी से भीख मांगाता हूं तो एक ताना जरूरत मिलता है- जवान है, कुछ काम क्यों नहीं करता। अब कैसे कहूं कि हाथ खराब होने से मजदूरी कर ही नहीं सकता। अखबार में लॉ कॉलेज का विज्ञापन देखा। फार्म भर दिया। भीख के पैसे बचाकर किताब खरीदी। मंदिर के बाहर बैठकर पढाई की। कॉम्पिटिशन दिया और मेरिट लिस्ट में नाम आ गया। अब एक ही जिद है- पढ़ाई पूरी करूंगा। फिर कोर्ट में काम मिल ही जाएगा।
शिव का कहना है कि उसके मां-बाप ने मजदूरी करके ग्रेजुएशन करवाई। इसके बाद उसने शादी की और बच्‍चे हुए। उसने गांव में ठाकुरों के खेत पर मजदूरी की लेकिन पैसे नहीं मिले और जब उसने विरोध किया तो उसे पीटा गा। इसके बाद वह गांव छोड़कर शहर आ गया और यहां भीख मांगकर परिवार का गुजारा करने को मजबूर है।

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