जंग अगर अपनों से हो तो हार जाना चाहिए...
एक पत्नी ने अपने पति से आग्रह किया कि वह उसकी छह कमियाँ बताए जिन्हें सुधारने से वह बेहतर पत्नी बन जाए.
पति यह सुनकर हैरान रह गया और असमंजस की स्थिति में पड़ गया. उसने सोचा कि मैं बड़ी आसानी से उसे ६ ऐसी बातों की सूची थमा सकता हूँ , जिनमें सुधार की जरूरत थी और ईश्वर जानता है कि वह ऐसी ६० बातों की सूची थमा सकती थी, जिसमें मुझे सुधार की जरूरत थी.
परंतु पति ने ऐसा नहीं किया और कहा - 'मुझे इस बारे में सोचने का समय दो , मैं तुम्हें सुबह इसका जबाब दे दूँगा.'
पति अगली सुबह जल्दी ऑफिस गया और फूल वाले को फोन करके उसने अपनी पत्नी के लिए छह गुलाबों का तोहफा भिजवाने के लिए कहा जिसके साथ यह चिट्ठी लगी हो,
"मुझे तुम्हारी छह कमियाँ नहीं मालूम, जिनमें सुधार की जरूरत है. तुम जैसी भी हो मुझे बहुत अच्छी लगती हो."
उस शाम पति जब आफिस से लौटा तो देखा कि उसकी पत्नी दरवाज़े पर खड़ी उसका इंतज़ार कर रही थी,
"मुझे तुम्हारी छह कमियाँ नहीं मालूम, जिनमें सुधार की जरूरत है. तुम जैसी भी हो मुझे बहुत अच्छी लगती हो."
उस शाम पति जब आफिस से लौटा तो देखा कि उसकी पत्नी दरवाज़े पर खड़ी उसका इंतज़ार कर रही थी,
उसकी आंखौं में आँसू भरे हुए थे,यह कहने की जरूरत नहीं कि उनके जीवन की मिठास कुछ और बढ़ गयी थी। पति इस बात पर बहुत खुश था कि पत्नी के आग्रह के बावजूद उसने उसकी छह कमियों की सूची नहीं दी थी.
इसलिए यथासंभव जीवन में सराहना करने में कंजूसी न करें और आलोचना से बचकर रहने में ही समझदारी है।
ज़िन्दगी का ये हुनर भी, आज़माना चाहिए, जंग अगर अपनों से हो तो हार जाना चाहिए..
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