Tuesday, 22 December 2015

 
दो दिन के रूस दौरे से लौटते समय PM मोदी अफगानिस्तान के काबूल में एक दिन बिताएंगे और भारत की मदद से बनाये गए अफ़ग़ानिस्तान के नए पार्लियामेंट का उद्घाटन करेंगे.
अफ़ग़ानिस्तान के सलमा डैम को बनाने में मदद करने के बाद ये दूसरा मौका है जब भारत ने तक़रीबन 750 करोड़ रुपये की लागत से अफ़ग़ानिस्तान के नए संसद को बनाने में मदद की है.

विदेश नीति की नज़र से देखें तो अफ़ग़ानिस्तान आज भारत के लिए एक अभिन्न अंग बन चूका है जिसके साथ दोस्ती को और मजबूत करने स देश को कई तरह के आर्थिक-भौगोलिक-सामरिक फायदे होंगे.
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एक तरफ जहाँ चीन पाकिस्तान की मदद से पीओके तक सड़क बनाने से लेकर और भी कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है वहीँ भारत की दृष्टि से अफ़ग़ानिस्तान-ईरान-तुर्कमेनिस्तान जैसे पाकिस्तान के पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते मजबूत बनाना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण बात है.
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कुछ लाभ इस तरह समझ सकते हैं की ईरान द्वारा भारत को दिया गया ओमान की खाड़ी में चाबहार बंदरगाह जहाँ तक पहुँचने के लिए अफ़ग़ानिस्तान होकर गुजरना पड़ेगा, तुर्कमेनिस्तान से आने वाली तापी गैस पाइपलाइन जो की अफ़ग़ानिस्तान से होकर आएगी और भी कई अहम प्रोजेक्ट जिसमें अफ़ग़ानिस्तान मुख्य केंद्र होगा.
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सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो आप पाकिस्तान को एक तरफ से घेर भी रहे हैं जिसमें ईरान का बंदरगाह तो ताजीकिस्तान का फार्कोर एयरबेस तक आपकी पहुँच के बहुत मायने हैं.
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