Tuesday 29 December 2015

बगदाद को बसाया था भगदत्त ने ..?

600 ईसा पूर्व के बाबिल के एक ब्राह्मण राजा भागदत्त पर पड़ा है।
भगवान, भगवती आदि शब्द भग उपसर्ग लगाकर बने हैं, उसी तरह भगदत्त भी बना। पौराणिक काल के एक राजा का नाम भगदत्त था जिसका अर्थ हुआ (भग) देवता से प्राप्त। पुरानी फारसी, ईरानी और अवेस्ता में यह भग लफ्ज बग या बेग के रूप में परिवर्तित हो गया। बग या बेग बाद में रसूखदार लोगों की उपाधि भी हो गई।

मध्य एशिया के शक्तिशाली कबीलों की जातीय पहचान यह बेग शब्द बना। कुछ विद्वान इसमें उद्यान के अर्थ वाला बाग भी देखते हैं जिसकी व्याख्या समृद्ध भूमि, ऐश्वर्य भूमि के रूप में है। बगीचा इसका ही रूप है। बगराम, बगदाद, बागेवान जैसे शहरों के नामों के पीछे यही अर्थ छुपा है। बख्श का अर्थ भी अंश, खंड, भाग्य, हिस्सा, देने वाला होता है।
मेसोपोटेमिया के उपजाऊ भाग में स्थित बगदाद अरब विश्व का एक प्रमुख नगर एवं इराक की राजधानी है। इसका नाम 600 ईसा पूर्व के बाबिल के एक ब्राह्मण राजा भागदत्त पर पड़ा है। हालांकि यह नगर 4,000 वर्ष पहले से ही अस्तित्व में रहा है। यह शहर प्राचीन सिल्क रूट के प्रमुख शहरों में से एक है। नदी के किनारे स्थित यह शहर पश्चिमी यूरोप और सुदूर पूर्व के देशों के बीच, समुद्री मार्ग के आविष्कार के पहले कारवां मार्ग का प्रसिद्ध केंद्र था।
राजा भागदत्त से पहले एक ओर राजा हुए हैं जो प्राग्ज्योतिष (असम) देश के अधिपति नरकासुर के पुत्र और इंद्र के मित्र थे। वे अर्जुन का बहुत बडा़ प्रशंसक थे, लेकिन कृष्ण के कट्टर प्रतिद्वंद्वी।
कुरुक्षेत्र के युद्ध में वह कौरव सेना की ओर से लड़े और अपने विशालकाय हाथी के साथ उसने बहुत से योद्धाओं का वध किया। अपने 'सौप्तिक' नामक हाथी पर उसने भीम को भी परास्त किया था।
भगदत्त के पास शक्ति अस्त्र और वैष्णव अस्त्र जैसे दिव्यास्त्र थे। उसके पुत्र का वध नकुल ने किया। 12वें दिन के युद्ध में उसके वैष्णव अस्त्र को श्रीकृष्ण द्वारा विफल किया गया और फिर अर्जुन ने उसका वध किया।
एक बार भौमासुर ने इंद्र के कवच और कुंडल छीन लिए। इस पर कृष्ण ने क्रुद्ध होकर भौमासुर के 7 पुत्रों का वध कर डाला। भूमि ने कृष्ण से भगदत्त की रक्षा के लिए अभयदान मांगा।
भौमासुर की मृत्यु के पश्चात भगदत्त प्राग्ज्योतिष के अधिपति बने। भगदत्त ने अर्जुन, भीम और कर्ण के साथ युद्ध किया। हस्ति युद्ध में भगदत्त अत्यंत कुशल थे। कृतज्ञ और वज्रदत्त नाम के इनके दो पुत्र थे, इनमें कृतज्ञ की मृत्यु नकुल के हाथ से हुई। वज्रदत्त राजा होने पर अर्जुन से पराजित हुआ।
वेबदुनिया हिंदी के अनुसार<< सूर्य की किरण >>

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