Friday 18 December 2015

'जटायु नेचर पार्क'




Jatayu Nature Park : मां सीता के लिए रावण से लड़ते हुए जहां गिरे थे जटायु, वहां बना 'जटायु नेचर पार्क'
अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर केरल के टूरिज़्म मैप पर एक और नया डेस्टिनेशन जुड़ने जा रहा है। कोल्लम जिले के चदयामंगलम गांव में 'जटायु नेचर पार्क' बनकर तैयार है। यह जनवरी 2016 से सभी के लिए खुल जाएगा। यहां जटायु का सबसे बड़ा स्कल्पचर बनाया गया है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, यही वो जगह है जहां सीता का अपहरण कर ले जाते रावण से लड़ते हुए पक्षीराज जटायु गिरे थे।
दुनिया का सबसे बड़ा स्कल्पचर-
65 एकड़ के पार्क का सबसे बड़ा अट्रैक्शन जटायु का यह स्कल्पचर है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा स्कल्पचर बताया जा रहा है। पहाड़ पर इसे 200 फीट लंबा, 150 फीट चौड़ा और 70 फीट ऊंचा बनाया गया है। इसे बनाने में 7 साल लगे। प्रोजेक्ट हेड और मलयालम फिल्ममेकर राजीव अंचल ने इसे 15000 स्क्वैयर फीट के प्लेटफार्म पर तैयार किया है। स्कल्पचर के साथ 6D थियेटर और डिजिटल म्युज़ियम भी तैयार है, जो जटायु और रामायण की झलक दिखाएगा। पार्क में आयुर्वेद रिज़ार्ट, एडवेंचर स्पोर्ट्स और गेम ज़ोन भी है।
कोल्लम से 28 किमी दूर बने इस नेचर पार्क पर केरल सरकार ने 100 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और टूरिस्ट्स को आर्ट, हिस्ट्री, टेक्नोलॉजी, वेलनेस और एडवेंचर का Combination देने की कोशिश की है। जटायु स्टैच्यू के अलावा यहां आयुर्वेद केव रिजॉर्ट, एक डिजिटल म्युज़ियम, 6D थियेटर, आर्चरी, लेज़र टैग, राइफल शूटिंग रेंज, रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग के अलावा और भी बहुत कुछ है। गेम ज़ोन है और केबल कार भी, ताकि टूरिस्ट इस पूरे इलाके की खूबसूरती देख सकें।
MNC के लिए आयुर्वेद रिजॉर्ट
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आयुर्वेद केव रिज़ार्ट में टूरिस्ट को आयुर्वेद और सिद्धा पद्धति से ट्रीटमेंट दिया जाएगा। टूरिस्ट्स के लिए रिजॉर्ट में कई तरह के हेल्थ पैकेज होंगे। प्रोजेक्ट हेड राजीव अंचल बताते हैं, 'ये रिजॉर्ट खासकर सेलेब्रिटीज़ और प्रीमियम कस्टमर्स को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। MNC को भी ये जगह काफी पसंद आएगी।'
इलाके को Develop भी करेगा पार्क
टूरिस्ट अट्रैक्शन के अलावा यह पार्क इलाके के लोगों को कई बड़े प्रोजेक्ट्स से मदद भी देगा। इसमें रेनवॉटर हारवेस्टिंग और Renewable Energy प्रोजेक्ट्स खास हैं। इस पार्क को BOT (Build=operate-transfer) पैटर्न पर बनाया गया है, जिसके लिए केरल सरकार और गुरूचंद्रिका बिल्डर्स में समझौता हुआ। गुरुचंद्रिका ने इस प्रोजेक्ट को फाइनेंस भी किया है।
http://www.bhaskar.com/…/NAT-NAN-keralas-jatayu-nature-park…
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जनवरी 2016 में जिंदा हो जाएगा रामायण का जटायु!
तस्वीर के लिए साभार: जटायु नेचर पार्क
ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: अगर आपने धारावाहिक रामायण देखी होगी या पढ़ी होगी तो जटायु की स्मृतियां आपके जेहन में होंगी। वहीं जटायु जिसने मां सीता की रक्षा करते हुए रावण से लड़ाई लड़ी थी और घायल होकर अपने प्राण त्यागे थे। केरल के कोल्लम में जल्द ही जटायु नेचर पार्क अगले साल जनवरी से लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।  अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर केरल के टूरिज्म मैप पर एक और नया डेस्टिनेशन जुड़ने जा रहा है। कोल्लम जिले के चदयामंगलम गांव में 'जटायु नेचर पार्क' बनकर तैयार है। यह जनवरी 2016 से सभी के लिए खुल जाएगा। जनवरी से इसके पहले फेज की तैयारी हो चुकी है।
अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पार्क में जटायु का सबसे बड़ा स्कल्पचर बनाया गया है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यही वो जगह है जहां सीता का अपहरण कर ले जाते रावण से लड़ते हुए पक्षीराज जटायु गिरे थे। यहीं पर उन्होंने अपने प्राण त्यागे थे। इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्कल्पचर बताया जा रहा है। पहाड़ पर इसे 200 फीट लंबा, 150 फीट चौड़ा और 70 फीट ऊंचा बनाया गया है। इसे बनाने में 7 साल का वक्त लगा है। कोल्लम से 28 किमी दूर बने इस नेचर पार्क पर केरल सरकार ने 100 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जनवरी 2016 से आप इस पार्क में जटायुराज के दर्शन कर सकते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जटायु अरुण देवता के पुत्र थे। इनके भाई का नाम सम्पाती था। 'रामायण' में सीताजी के हरण के प्रसंग में जटायु का उल्लेख प्रमुखता से हुआ है। जब लंका का रावण सीता का हरण करके आकाशमार्ग से पुष्पक विमान में जा रहा था, तब जटायु ने रावण से युद्ध किया। युद्ध में रावण ने जटायु के पंख काट डाले, जिससे वह मरणासन्न स्थिति में पहुंचकर पृथ्वी पर गिर पड़े। जब श्रीराम और लक्ष्मण सीताजी की खोज कर रहे थे, तभी उन्होंने जटायु को मरणासन्न अवस्था में पाया। जटायु ने ही राम को बताया कि रावण सीता का हरण करके लंका ले गया है और बाद में उसने प्राण त्याग दिये। फिर भगवान राम और उनके छोटो भाई लक्ष्मण ने उसका दाह संस्कार और किया।
ज़ी मीडिया ब्‍यूरो 






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