Hardik Savani
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सुरेश प्रभु की "ट्वीटर-सिस्टम" का रहस्य ..!! .. पूरा अनालिसिस ...
चाहे चलती ट्रेन में बच्चे को दूध पहुंचाने का मामला हो या बीमार बुजुर्ग के लिए इलाज का इंतजाम करना। एक ट्वीट पर मदद पहुंच जाती है। कैसे हो रहा है ये सब कुछ?
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रेल मंत्रालय की चौथी मंजिल पर कमरा नंबर-454...!! रेलवे का ट्विटर कंट्रोल रूम हैै।
तीन लोगों की टीम है, इस रूम में एक नियम है-एक पल को भी कम्प्यूटर ऑफ नहीं होना चाहिए, क्योंकि न जाने कब किस पैसेंजर की शिकायत आ जाए। एक दिन में 5000+ ट्वीट आते हैं। 30% रि-ट्वीट होते हैं। 20-30% कमेंट आते हैं। इस टीम को निजी कंपनियों, PMO, विदेश मंत्रालय से ट्रेनिंग दिलाई गई है।
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टीम की निगरानी खुद रेल मंत्री Suresh Prabhu करते हैं। रोज रात में उस दिन की रिपोर्ट लेते हैं। साथ ही, मंत्रालय में आने के बाद ट्विटर पर सुबह आए गंभीर मामलों की जानकारी और उस पर लिए गए एक्शन पर चर्चा करते हैं। प्रभु खुद अपने ट्विटर हैंडल सुरेशपीप्रभु और रेलवे के ट्विटर हैंडल रेलमिनइंडिया पर नजर रखते हैं। प्रभु के ट्विटर हैंडल को चार लाख और रेलवे के हैंडल को छह लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
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कंट्रोल रूम तीन शिफ्ट में काम करता है। सुबह 6 to 2 और 2 to 10 और रात 10 to 6
सभी का ट्विटर अकाउंट 'रात भर' ऑन रहता है...!!!! रेलवे के 17 ज़ोनल प्रबंधक और 69 मंडल प्रबंधक भी ऑनलाइन रहते हैं...!!! इन्हें पैसेंजर की तुरंत मदद के ऑर्डर दिए गए हैं।
कंट्रोल रूम इंचार्ज के मुताबिक, सामान्य शिकायत पर हम पैसेंजर को यह एडवाइस देते हैं कि वे सुरक्षा वाली शिकायत को रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 182 और अन्य शिकायत को 138 पर करें। इसकी वजह यह है कि ये नंबर सीधे GPS से जुड़े हैं। जब कोई शिकायत करता है, तो कंट्रोल रूम को कॉल देने से पहले वह ट्रेन की लोकेशन पता कर लेता है और उसी के लिहाज से अगले आने वाले स्टेशन की जानकारी भी देता है। इससे लोगों को तुरंत मदद मिलती है। जबकि ऐसी शिकायत पर रेलवे बोर्ड से कॉल करने पर लोकेशन दिल्ली आएगी और मदद देने में देरी हो सकती है।
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वहीं, अन्य शिकायत जैसे किसी के साथ छेड़छाड़ या किसी बीमार को तुरंत मदद की जरूरत है या कोई ट्रेन बीच में ही रुकवानी है, तो इन पर पर तुरंत एक्शन लिया जाता है। संबंधित रेलवे के जीएम, डीआरएम और रेलवे स्टेशन मास्टर के साथ ही रेल में चल रहे कंडक्टर और रेलवे सिक्युरिटी टीम को सीधे अलर्ट किया जाता है। उनसे हर पल की जानकारी ली जाती है।
ये है प्रभु की तीन लोगों की टीम :-
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1. एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जन शिकायत अनंत स्वरूप (IRPS Officer-1992) का काम निगरानी का है और रात के समय जब सेल कार्य नहीं करता है, तो उस समय ट्विटर पर निगाह रखना भी इनके जिम्मे है।
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2. स्पेशल अफसर हनीस यादव :- OSD हनीस यादव 2003 में IRSME सेवा में सिलेक्ट हुए। वे मेकैनिकल इंजीनियर हैं। यादव ने रेलवे के ही इंस्टीट्यूट से यह डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने रेलवे से इस्तीफा दिया और आईआईएम से एमबीए किया। वह पढ़ाई के लिए पेरिस और स्विट्जरलैंड भी गए। इसके बाद यादव ने ऑस्ट्रेलिया में कंसल्टेंसी फर्म मैकेंजी ज्वाइन की।
जब प्रभु रेल मंत्री बने तो उनके पिछले और मौजूदा रिकॉर्ड, साथ ही सोशल मीडिया पर पकड़ देखते हुए उन्हें बतौर ओएसडी रेलवे में लाए।
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3. डायरेक्टर इंफो-पब्लिसिटी वेद प्रकाश :- 1998 के IRTS अफसर वेद प्रकाश सोशल मीडिया के जानकार हैं और रेलवे के सोशल मीडिया सेल के प्रमुख हैं। रेलवे के ट्विटर सेल के चीफ भी वही हैं। किसी भी शिकायत, सुझाव या कमेंट पर एक्शन की जिम्मेदारी प्रकाश के पास है।
रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु का बयान : .. "
सिर्फ सफर कराना रेलवे का काम नहीं है। हर पैसेंजर को पूरी सुविधा और सुरक्षा देना भी तो हमारी ही जिम्मेदारी है। रेल बजट के बाद ये कंट्रोल रूम 7x24 घंटे काम करेगा। जल्द ही आपको रेल टिकटों के पीछे "ट्विटर हैंडल" मिलेगा और "हेल्पलाइन नंबर" भी..!!
जो लोग मेरी हर करन्ट पोस्ट बिना चुके देखना चाहता है.., मेरी प्रोफाईल Hardik Savani खोलकर "Follow" पर क्लीक करे.. फिर "Following" पर कर्सर रखोगे तो "See First" ओप्शन आएगा इसपे क्लीक कर दीजिए..
Messege के बाजु में आखिर में एक बोक्ष है [...] पर क्लीक करके Get Notification पर क्लीक कर दिजिए..
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सुरेश प्रभु की "ट्वीटर-सिस्टम" का रहस्य ..!! .. पूरा अनालिसिस ...
चाहे चलती ट्रेन में बच्चे को दूध पहुंचाने का मामला हो या बीमार बुजुर्ग के लिए इलाज का इंतजाम करना। एक ट्वीट पर मदद पहुंच जाती है। कैसे हो रहा है ये सब कुछ?
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रेल मंत्रालय की चौथी मंजिल पर कमरा नंबर-454...!! रेलवे का ट्विटर कंट्रोल रूम हैै।
तीन लोगों की टीम है, इस रूम में एक नियम है-एक पल को भी कम्प्यूटर ऑफ नहीं होना चाहिए, क्योंकि न जाने कब किस पैसेंजर की शिकायत आ जाए। एक दिन में 5000+ ट्वीट आते हैं। 30% रि-ट्वीट होते हैं। 20-30% कमेंट आते हैं। इस टीम को निजी कंपनियों, PMO, विदेश मंत्रालय से ट्रेनिंग दिलाई गई है।
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टीम की निगरानी खुद रेल मंत्री Suresh Prabhu करते हैं। रोज रात में उस दिन की रिपोर्ट लेते हैं। साथ ही, मंत्रालय में आने के बाद ट्विटर पर सुबह आए गंभीर मामलों की जानकारी और उस पर लिए गए एक्शन पर चर्चा करते हैं। प्रभु खुद अपने ट्विटर हैंडल सुरेशपीप्रभु और रेलवे के ट्विटर हैंडल रेलमिनइंडिया पर नजर रखते हैं। प्रभु के ट्विटर हैंडल को चार लाख और रेलवे के हैंडल को छह लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
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कंट्रोल रूम तीन शिफ्ट में काम करता है। सुबह 6 to 2 और 2 to 10 और रात 10 to 6
सभी का ट्विटर अकाउंट 'रात भर' ऑन रहता है...!!!! रेलवे के 17 ज़ोनल प्रबंधक और 69 मंडल प्रबंधक भी ऑनलाइन रहते हैं...!!! इन्हें पैसेंजर की तुरंत मदद के ऑर्डर दिए गए हैं।
कंट्रोल रूम इंचार्ज के मुताबिक, सामान्य शिकायत पर हम पैसेंजर को यह एडवाइस देते हैं कि वे सुरक्षा वाली शिकायत को रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 182 और अन्य शिकायत को 138 पर करें। इसकी वजह यह है कि ये नंबर सीधे GPS से जुड़े हैं। जब कोई शिकायत करता है, तो कंट्रोल रूम को कॉल देने से पहले वह ट्रेन की लोकेशन पता कर लेता है और उसी के लिहाज से अगले आने वाले स्टेशन की जानकारी भी देता है। इससे लोगों को तुरंत मदद मिलती है। जबकि ऐसी शिकायत पर रेलवे बोर्ड से कॉल करने पर लोकेशन दिल्ली आएगी और मदद देने में देरी हो सकती है।
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वहीं, अन्य शिकायत जैसे किसी के साथ छेड़छाड़ या किसी बीमार को तुरंत मदद की जरूरत है या कोई ट्रेन बीच में ही रुकवानी है, तो इन पर पर तुरंत एक्शन लिया जाता है। संबंधित रेलवे के जीएम, डीआरएम और रेलवे स्टेशन मास्टर के साथ ही रेल में चल रहे कंडक्टर और रेलवे सिक्युरिटी टीम को सीधे अलर्ट किया जाता है। उनसे हर पल की जानकारी ली जाती है।
ये है प्रभु की तीन लोगों की टीम :-
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1. एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जन शिकायत अनंत स्वरूप (IRPS Officer-1992) का काम निगरानी का है और रात के समय जब सेल कार्य नहीं करता है, तो उस समय ट्विटर पर निगाह रखना भी इनके जिम्मे है।
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2. स्पेशल अफसर हनीस यादव :- OSD हनीस यादव 2003 में IRSME सेवा में सिलेक्ट हुए। वे मेकैनिकल इंजीनियर हैं। यादव ने रेलवे के ही इंस्टीट्यूट से यह डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने रेलवे से इस्तीफा दिया और आईआईएम से एमबीए किया। वह पढ़ाई के लिए पेरिस और स्विट्जरलैंड भी गए। इसके बाद यादव ने ऑस्ट्रेलिया में कंसल्टेंसी फर्म मैकेंजी ज्वाइन की।
जब प्रभु रेल मंत्री बने तो उनके पिछले और मौजूदा रिकॉर्ड, साथ ही सोशल मीडिया पर पकड़ देखते हुए उन्हें बतौर ओएसडी रेलवे में लाए।
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3. डायरेक्टर इंफो-पब्लिसिटी वेद प्रकाश :- 1998 के IRTS अफसर वेद प्रकाश सोशल मीडिया के जानकार हैं और रेलवे के सोशल मीडिया सेल के प्रमुख हैं। रेलवे के ट्विटर सेल के चीफ भी वही हैं। किसी भी शिकायत, सुझाव या कमेंट पर एक्शन की जिम्मेदारी प्रकाश के पास है।
रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु का बयान : .. "
सिर्फ सफर कराना रेलवे का काम नहीं है। हर पैसेंजर को पूरी सुविधा और सुरक्षा देना भी तो हमारी ही जिम्मेदारी है। रेल बजट के बाद ये कंट्रोल रूम 7x24 घंटे काम करेगा। जल्द ही आपको रेल टिकटों के पीछे "ट्विटर हैंडल" मिलेगा और "हेल्पलाइन नंबर" भी..!!
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