Monday, 28 December 2015

इस्लाम और सेकुलरिज्म
         कुछ धूर्त मुल्ले मौलवी अपनी जिहादी मानसिकता को छुपाने के लिए और लोगों को गुमराह करने के लिए कहते हैं कि कुरान आपसी भाईचारे और सभी धर्मों का सम्मान करने की शिक्षा देती है .इसके लिए वह कुरान की सूरा काफिरून109:6 का हवाला देते हैं ,जिसमे कहा गया है "तुम्हारे लिए तुम्हारा धर्म ,और हमारे लिए हमारा धर्म "और बड़ी चालाकी से मुस्लिम विद्वान् यह साबित करने का प्रयत्न करते हैं कि कुरान " सर्वधर्म समभाव " यानी सेकुलरिज्मSecularism " की शिक्षा देती है . लेकिन ऐसे धूर्त मुल्ले कुरान की इसी सूरा की पहली वाली आयतें छुपा लेते हैं , जिनमे यह लिखा है ,
        ""कह दो हे काफ़िरो ,मैं उसकी इबादत नहीं करता ,तुम जिसकी इबादत करते हो .और न तुम उसकी इबादत करते हो जिसकी इबादत हम करते है .और न हम उसकी इबादत करेंगे ,जिसकी इबादत तुम करते हो. और न कभी तुम उसकी इबादत करोगे ,जिसकी इबादत हम करते हैं .
सूरा -काफिरून 109:1-7
       कुरान की इस सूरा की व्याख्या में यह बताया गया है कि ,यह सूरा गैर मुस्लिमों से विरक्ति ,सम्बन्ध विच्छेद और उनसे युद्ध की घोषणा की सूरा है .इस से स्पष्ट होता है कि कुरान सर्वधर्म समभाव यानी धर्मनिरपेक्षता यानी सेकुलरिज्म की नहीं दुसरे धर्म के लोगों के साथ युद्ध और जिहाद की शिक्षा देती है .

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