डॉ आलम से साभार !
कमलेश जी के आजम को लिखे पत्र की तरह ही 1985 में दिल्ली के Indra Sain Sharma और Rajkumar Arya जी ने एक पोस्टर छपवाया था, जिसका शीर्षक था "देश में दंगे क्यों होते हैं" और अन्दर कुरान की उन 24 खतरनाक आयातों का जिक्र था, जिसमे कुरान का अल्लाह गैर-मुसलमानों के खिलाफ नफरत-कत्लेआम-दंगे-जिहाद-बलात्कार के लिए मुसलमानों को उकसाता है।
पोस्टर छपते ही बबाल मच गया, आज-कल की तरह ही उन्मादी मुस्लिम भीड़ फाँसी की मांग करने लगी, Secular तबका छाती पीटने लगा। पर भैया यहाँ सऊदी और अफगानिस्तान की तरह तालिबान या शरियत कानून तो नहीं है --- हिंदुस्तान में लोकतंत्र है, आदालत है, कानून है और फैसला लेने का हक़ सिर्फ अदालत को है। दिल्ली पुलिस ने दोनों हिन्दुओं को IPC sections 153-A and 295-A के तहत गिरफ्तार कर लिया।
31 July 1986 को दिल्ली Metropolitan Magistrate Z.S. Lohat जी ने Case की सुनबाई करते हुए फैसला सुनाया की कुरान की आयतें 9.5, 9.28, 4.101, 9.123, 4.56, 9.23, 9.37, 5.5, 33.61, 21.98, 32.22, 48.20, 8.69, 66.9, 41.27, 41.28, 9.111, 9.58, 8.65, 5.51, 9.29, 5.14, 4.89 और 9.14 सभ्य मानव समाज में शांति साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए बहुत बड़ा खतरा है, साथ ही दोनों हिन्दुओं पर लगे आरोपों को बेवुनियाद करार देते हुए बाइज्जत बरी कर दिए गए। Court Verdict डिटेल में यहाँ पढ़े :- http://indiafacts.org/court-ruling-ayats-quran-cause-commu…/
उस जमाने में Twitter Facebook Internet नहीं हुआ करता था, इसलिए यह मामला ज्यादा प्रकाश में नहीं आया। पत्र में कमलेश जी ने जो आरोप पिगम्बर और कुरान पर लगायें हैं और जिस गिलिमा सेक्स / समलैंगिक सेक्स का जिक्र किया है यह कुरान और हदीस से तुरंत सही साबित हो जायेगा grin इमोटिकॉन और बदनामी होगी सो अलग। मत भूलिये की इस्लाम की चड्डी में सैकड़ों छेद हैं, इज्जत ढंकना लगभग नामुमकिन सा है।
इसलिए दोस्तों कमलेश जी को संवैधानिक रूप से कोई खतरा नहीं है पर ये दहशतगर्द लोग टोंक के बिरोध प्रदर्शन में जिस तरह से ISIS के सपोर्ट में नारे लगा रही थी, उससे थोड़ी चिंता होती है। सरकार से आग्रह है की कमलेश जी को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराया जाये :- #DrAlam
फोटो साभार Anil शर्मा जी
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जब भी भारत देश की प्रशंसा होती है तब हिन्दुदर्शन और संस्कृति की बात होती है, और जब कभी भारतीय समाज के, जातिभेद आदि, दोषो की बात होती है तो मुख्यतः हिन्दु समाज मे विद्यमान दोषो की चर्चा होती है क्यो कि....भारत "हिन्दुराष्ट्र" है ..
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