Wednesday, 23 December 2015


जब से मैंने हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू की तब से मैंने मांसाहार और शराब का त्याग कर दिया : सरदार मनिंदर जीत सिंह बिट्टा, संस्थापक All-India Anti-Terrorist Front (AIATF)
कर्नल बिट्टा आगे कहते है की "एक बार कुछ कांग्रेस के नेताओ ने ये कह दिया की श्री राम का अस्तित्व नहीं था, मैं सोच में पड़ गया, मैं तमिलनाडु रामेश्वरम गया और रामसेतु के सामने खड़े होकर मैंने हनुमान चालीसा पढ़ी, मुझे एक विचित्र सा अनुभव हुआ | अंतरात्मा से श्री राम को मैंने वहां महसूस किया | मैं पूंछना चाहूँगा इन गन्दी मानसिकता वाले कांग्रेसियो से ये किस अधिकार से ऐसी बाते बोलते है ?
हमारे गुरुग्रन्थ साहिब में प्रभु श्री राम का नाम कई बार आया है और हम गुरूद्वारे में भी राम नाम संकीर्तन करते है तो क्या हम सब बेवकूफ है ? हमारे आराध्य ईश्वर के बारे में जिन लोगो की ऐसी गन्दी मानसिकता हो उन्हें इस राष्ट्र में रहने का कोई अधिकार नहीं | मैं रोज हनुमान चालीसा पढता हु और उस से मुझे शक्ति मिलती है आतंकवाद से लड़ने की, जो लोग श्री राम पर राजनीती करते है उनसे ज्यादा गिरा हुआ इंसान कोई हो नहीं सकता |
(हरियाणा की एक भागवत कथा में पधारे देवकीनन्दन ठाकुर के समक्ष बिट्टा जी ने पूरी सभा को संबोधित करते हुए ये शब्द कहे) 

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