अमेरिका,यूरोप की एफडीआई से ज्यादा योगदान पाक में बसे भारतीयों का
पाकिस्तान में बसे लाखों भारतीयों ने अमेरिका, जापान सहित दुनिया के बड़े देशों की तरफ से भारत में हुए विदेशी निवेश से ज्यादा रकम भेजा है।
पाकिस्तान में बसे लाखों भारतीयों ने अमेरिका, जापान सहित दुनिया के बड़े देशों की तरफ से भारत में हुए विदेशी निवेश से ज्यादा रकम भेजा है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश में बसे भारतीय दुनिया में सबसे ज्यादा रकम अपने देश भेजते हैं। 2015 में भारतीयों ने 72.2 बिलियन डॉलर स्वदेश भेजा है। सबसे ज्यादा 13.2 बिलियन डॉलर की राशि संयुक्त अरब अमीरात से, 11.5 बिलियन डॉलर राशि अमेरिका और 11 बिलियन डॉलर सऊदी अरब से भारतीय स्वदेश भेजते हैं।
सबसे ज्यादा चौंकाने वाला पाकिस्तान में बसे भारतीयों की तरफ से स्वदेश भेजे जा रही रकम है।
2015 में पाकिस्तान में बसे भारतीयों ने 4.9 बिलियन डॉलर की राशि स्वदेश भेजी है। यह रकम मौजूदा वित्त वर्ष में भारत में कुल एफडीआई इक्विटी अन्तर्वाह की एक चौथाई से ज्यादा है। इस साल अप्रैल से लेकर सितंबर तक कुल एफडीआई इक्विटी अन्तर्वाह 16.631 बिलियन डॉलर का रहा है।
एफडीआई इक्विटी अन्तर्वाह के मामले में दस प्रमुख देशों की बात करें तो मौजूदा वित्त वर्ष में अमेरिका की तरफ से 0.85 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ है। जबकि जापान का निवेश 0.81 बिलियन डॉलर, जर्मनी 0.69 बिलियन डॉलर, ब्रिटेन 3.53 बिलियन डॉलर, फ्रांस 0.25 बिलियन डॉलर और, यूएई 0.26 बिलियन डॉलर का ही निवेश कर पाया है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 23 लाख भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में, 21 लाख भारतीय अमेरिका में, 20 लाख भारतीय सउदी अरब, और 14 लाख भारतीय पाकिस्तान में रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनियाभर में अमेरिका, ब्रिटेन सहित सभी विकसित देशों की यात्रा के दौरान भारत की मेक इन इंडिया में विदेशी निवेश की अपील करते हैं। लेकिन मेक इन इंडिया के तहत पिछले साल अक्टूबर से अबतक 32.87 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ है।
विदेश में बसे अपने नागरिकों से रकम अर्जित करने में चीन 63.9 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे जबकि फिलिपींस 29.7 बिलियन डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश दुनिया के प्रथम दस देशों में शामिल है। विदेश में बसे रूस के नागरिक अपने देश 7.9 बिलियन डॉलर की रकम भेजते हैं।
स्पूतनिक के अनुसार << सूर्य की किरण >>
सबसे ज्यादा चौंकाने वाला पाकिस्तान में बसे भारतीयों की तरफ से स्वदेश भेजे जा रही रकम है।
2015 में पाकिस्तान में बसे भारतीयों ने 4.9 बिलियन डॉलर की राशि स्वदेश भेजी है। यह रकम मौजूदा वित्त वर्ष में भारत में कुल एफडीआई इक्विटी अन्तर्वाह की एक चौथाई से ज्यादा है। इस साल अप्रैल से लेकर सितंबर तक कुल एफडीआई इक्विटी अन्तर्वाह 16.631 बिलियन डॉलर का रहा है।
एफडीआई इक्विटी अन्तर्वाह के मामले में दस प्रमुख देशों की बात करें तो मौजूदा वित्त वर्ष में अमेरिका की तरफ से 0.85 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ है। जबकि जापान का निवेश 0.81 बिलियन डॉलर, जर्मनी 0.69 बिलियन डॉलर, ब्रिटेन 3.53 बिलियन डॉलर, फ्रांस 0.25 बिलियन डॉलर और, यूएई 0.26 बिलियन डॉलर का ही निवेश कर पाया है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 23 लाख भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में, 21 लाख भारतीय अमेरिका में, 20 लाख भारतीय सउदी अरब, और 14 लाख भारतीय पाकिस्तान में रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनियाभर में अमेरिका, ब्रिटेन सहित सभी विकसित देशों की यात्रा के दौरान भारत की मेक इन इंडिया में विदेशी निवेश की अपील करते हैं। लेकिन मेक इन इंडिया के तहत पिछले साल अक्टूबर से अबतक 32.87 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ है।
विदेश में बसे अपने नागरिकों से रकम अर्जित करने में चीन 63.9 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे जबकि फिलिपींस 29.7 बिलियन डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश दुनिया के प्रथम दस देशों में शामिल है। विदेश में बसे रूस के नागरिक अपने देश 7.9 बिलियन डॉलर की रकम भेजते हैं।
स्पूतनिक के अनुसार << सूर्य की किरण >>
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