मोदी ने तोड़ी भ्रष्टाचार की कमर,तो हिंदुस्तान जिंक ने उगला 2996 करोड़ का मुनाफा.
जिस सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान जिंक लीमिटेड ने पिछले 13 सालों में कुल जमा 2134 करोड़ का लाभांश कमाया था उसी उपक्रम ने 2014-15 के साल में 2996 करोड़ का मुनाफा कमा कर ये साबित कर दिया कि पहले कितना करप्शन होता रहा है।
नई दिल्ली। कांग्रेस शासनकाल में विभिन्न केन्द्रीय विभागों और मंत्रालयों में हुए भारी भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार के आते ही रोक लगी तथा काम की गति को सही दिशा, कुशल नेतृत्व और उचित मार्गदर्शन मिला तो जो उपक्रम घाटा दिखा रहे थे, अब कई गुना लाभांश उगलने लगे हैं।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हाल ही में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेएल) द्वारा केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेठली और केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को सोमवार 11 अप्रैल को सौंपे गए एक वर्ष के लाभांश 2996 करोड़ को देखकर लगाया जा सकता है।
एचजेडएल का यह लाभांश केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के एक वर्ष के मंत्रित्वकाल में प्राप्त हुआ है। लाभांश का चैक सौंपे जाने के अवसर पर खान मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और एचजेडएल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने वर्ष 2002-2003 से वर्ष 2014-15 तक 13 सालों में कुल 2134 करोड़ का लाभांश जुटाया था। मोदी सरकार में श्री तोमर के केन्द्रीय खान एवं इस्पात मंत्री बनने के बाद मंत्रालय के अथक प्रयासों की वजह से, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने 30 मार्च, 2016 को हुई बोर्ड की बैठक में अंशधारकों के लिए 1200 प्रतिशत के विशेष लाभांश की घोषणा की। कम्पनी में 29.54 प्रतिशत की इक्विटी के साथ भारत सरकार को 2,996 करोड़ रुपये लाभांश के रूप में मिले हैं । इसके अतिरिक्त, 2,064 करोड़ रुपये लाभांश वितरण कर के रूप में सौंपे जाएंगे । कुल मिलाकर, कंपनी भारत सरकार को 5,060 करोड़ रुपये की राशि देगी । यह राशि अक्तूबर, 2015 में कंपनी द्वारा घोषित भारत सरकार के 474 करोड़ रुपये के हिस्से सहित 1606 करोड़ रुपये के 190 प्रतिशत अंतरिम लाभांश के अतिरिक्त है। मात्र एक साल में कई गुना अधिक लाभांश प्राप्ति को खान एवं इस्पात मंत्रालय की उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। गौरतलब है कि देश के इतिहास में भारत सरकार को सर्वाधिक लाभांश सौंपनेवाली कंपनी बन गयी है.
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