Sunday, 3 April 2016

"ज़िद करो दुनिया बदलो"ये सिर्फ एक वाक्य ही है लेकिन राजस्थान के प्रसिद्द उदयपुर संभाग के राजसमुंद जिले के भीम पंचायत के छोटे से गाँव "काछबली"की महिला सरपंच श्रीमती गीता देवी ने इस वाक्य को हकीकत में बदलकर पुरे देश की महिलाओ के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया.
राजस्थान का मेवाड़ क्षेत्र अपनी वीरता के लिए इतिहास में जाना जाता है सिर्फ पुरुषो की वीरता के लिए ही नहीं बल्कि रानी पद्मावती,पन्ना धाय और हाड़ी रानी के त्याग और बलिदान के लिए भी और इसी कड़ी को गीता देवी ने अलग ढंग सेआगे बढ़ाया.राजस्थान में सं 1973 में शराबबंदी का कानून बना था जिसके अंतर्गत यदि उस जगह के लोग जहां शराब की दूकान है चाहे तो वोटिंग कर उस दूकान को हटा सकते है.राजस्थान में इस कानून का कभी इस्तेमाल नहीं हुआ लेकिन कानून बनने के 43 वर्ष के बाद काछबली की महिला सरपंच ने अपने गाँव से इस शराब की दूकान हटवाने के लिए इस कानून का इस्तेमाल करने के लिए गाँव में अभियान चलाया और फिर महिलाओ और युवाओ को लेकर आखिर 29 मार्च को वोटिंग करवाई और 67%लोगो ने शराबबन्दी के पक्ष में वोट देकर अपने गाँव से शराब की दूकान हटवा दी.
आखिर अपनी जिद से गीता देवी ने अपने गाँव के बच्चों,युवाओ और पुरुषो को इस गन्दी लत के दलदल में जाने रोक लिया.
गीता देवी के इस पुनीत कार्य के लिए प्रणाम करता हु

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