सौर ऊर्जा के क्षेत्र में इजरायल हर स्तर पर अगली पंक्ति में है। इतना ही नहीं, घरों में प्रति व्यक्ति सोलर वॉटर हीटर इस्तेमाल करने के मामले में तो इजरायल दुनिया को मात देता है। वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के तहत सोलर, थर्मल और विंड एनर्जी के रूप में व्यापक विकास से देश में पारंपरिक ऊर्जा की कमी की भरपाई हो सकी है। यही वजह है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में इजरायल दुनिया के किसी भी देश की तुलना में एक मुकाम हासिल कर चुका है। इस कड़ी में इजरायल ने सूर्य की रोशनी को ऊर्जा में बदलने के लिए एक उच्चस्तरीय रिसीवर का आविष्कार किया है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में भी सोलर एनर्जी के इस्तेमाल में बढ़ोतरी होगी।
पवन ऊर्जा के अधिक इस्तेमाल को लेकर एक ऐसी पवन चक्की का आविष्कार किया गया है जो काफी लचीला है। इसके अलावा एक ऐसी प्रौद्योगिकी का आविष्कार किया गया है जिसकी सहायता से कुछ हद तक लवण और खनिज युक्त तालाब के पानी का इस्तेमाल सोलर एनर्जी को स्टोर करने के लिए किया जा सकेगा।
जियोथर्मल पावर स्टेशन को लेकर परीक्षण किया गया है, जो जमीन से ताप अवशोषित कर उसे भाप में बदलेगा जिससे कि टर्बाइन को बिजली मिल सकेगी। टेक्निअन के वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसा प्रोजेक्ट विकसित किया है, जो शुष्क हवा और पानी को 1000 मीटर ऊंची चिमनी की मदद से ऊर्जा में रूपांतरित कर सकता है।
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