Saturday, 21 May 2016



१८ मई २०१६ से भारत भारती में चल रहा संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (मध्य क्षेत्र) अपने आप में एक अनूठा शिक्षण वर्ग है | समाज का संगठन कर राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने की कार्यपद्धति सीखने के साथ-साथ इस वर्ग में स्वयंसेवक जल प्रबन्धन, ऊर्जा बचत, स्वच्छता, गोपालन, जैविक कृषि, पर्यावरण संरक्षण का भी व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं | प्रतिदिन श्रम साधना काल खंड में स्वच्छता, मेड बंधान, जैविक खाद निर्माण, जल प्रबन्धन के भी गुर सिखाये जा रहे हैं | 
कुछ विशेष प्रयोग-
- जल पर्याप्त होने के बाद भी पानी की बचत के लिए भोजन के बाद शिक्षार्थी अपने बर्तन राख से मांजकर ही साफ़ कर रहे हैं | जिससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बचत हो रही है |
- शिक्षार्थियों के भोजन करने तथा बौद्धिक कार्यक्रम हेतु पुराने पाईप तथा बाँस-बल्लियों व धान के पुआल से आठ हजार फुट का एक पंडाल स्वयंसेवकों के द्वारा ही तैयार किया गया है, जिसमें ४५ डिग्री तापमान में भी बिना पंखे और कूलर के स्वयंसेवक घंटों बैठकर विभिन्न बौद्धिक सत्रों में भाग ले रहे हैं |
- बिजली की बचत के लिए रात्रिकालीन कार्यक्रम अभी चाँदनी रात में ही हो रहे हैं | आज पूर्णिमा की रात परिसर की सम्पूर्ण लाईट बन्द रखी गई | रात्रिकालीन भोजन भी चंद्रमा की दुधिया चाँदनी में हुआ |
- दैनिक कार्यों में उपयोग आने वाले जल को प्राकृतिक पद्धति से स्वच्छ करके खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग किया जा रहा है |
- कचरा प्रबन्धन हेतु जैविक और रासायनिक कचरे की पृथक-पृथक संग्रह के पात्रों की व्यवस्था Vectus Industries Limited के प्रबंधक तथा भारत भारती के पूर्व छात्र श्री Atul Ladha जी के सौजन्य से सम्पूर्ण परिसर में की गई है | जिसमें जैविक कचरे से खाद बनाया जाता है |   
मोहन नागर 

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