फिल्म निर्माता और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने हाल ही में जाधवपुर यूनिवर्सिटी में बुद्धा इन ट्रैफिक जाम फिल्म की स्क्रीनिंग के मौके पर माओवादी विचारधारा वाले छात्रों को पानी पिला पिला कर मारा। एक तरफ माओवादी छात्र आजादी के नारे लगा रहे थे तो दूसरी तरफ विवेक अग्निहोत्री तेज तर्रार भाषण दे रहे थे। विवेक अग्निहोत्री की आवाज किसी को सुनाई ना दे इसके लिए माओवादी छात्र आजादी आजादी के नारे लगा रहे थे, लेकिन उनकी कोशिश रंग नहीं लायी
भारत की धरती ने एक से बढ़कर एक राजनीतिक विचारकों को जन्म दिया है, हमने चाणक्य को जन्म दिया है, हमें अशोका को जन्म दिया है, हमने कृष्ण को जन्म दिया है तो विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक पंडित कहे जाते हैं, हमने गाँधी को जन्म दिया है, हमने सुभाषचंद्र बोस को जन्म दिया है, हमने बल्लभभाई पटेल को जन्म दिया है, हमने नरेन्द्र मोदी को जन्म दिया है।
उन्होंने माओवादी छात्रों से सवाल पूछते हुए कहा – जिस देश ने इतने महान राजनीतिक विचारकों को जन्म दिया है, वहां पर माओ क्या कर रहे हैं? ऐसी क्या नौबात आ गयी कि हमें अपनी पॉलिटिकल थिंकिंग बाहर से लानी पड़ी।
उन्होंने पूछा कि आज ऐसी नौबात क्यों आ गयी कि अगर कोई गांधीजी की बात करता है तो उसका विरोध होता है, ऐसी हर बात जो हिंदुस्तान के भले की होती है, जो एक मिडिल क्लास और गरीब हिन्दुस्तानी छात्रों के भले के लिए होती है उसका विरोध क्यों किया जाता है, ऐसा वक्त आज क्यों आ गया।
माओवादी छात्र इतने से नहीं माने और ‘हमें चाहिए आजादी’ के नारे लगाने लगे तो विवेक अग्निहोत्री ने पूछा – आपको किससे आजादी चाहिए? आजादी तो उससे ली जाती है जिसके गुलाम होते हैं, क्या आपके दिमाग ने मान लिया है कि आप किसी के गुलाम हैं? आप किसकी गुलामी कर रहे हैं, हमारी तो कर नही रहे हैं? जो लोग चीन से आये हैं अगर आप उनकी गुलामी कर रहे हैं तो आप उनसे आजादी मांगिये।
उन्होंने कहा कि आजादी मांगने से पहले एक बार पलटकर अपने माँ बाप को भी देख लो यार, जिन्होंने अपने खून पसीने से पैसे कमाकर आपको यहाँ पर पढने भेजा है। जिस देश में हम सांस लेते हैं कम से कम उसे तोड़ने की बात तो मत करो।
उन्होंने कहा कि आप लोगों की लड़ाई ऐसे लोगों के साथ होनी चाहिए जो उपयुक्त नहीं हैं, जो प्रोडक्टिव नही हैं, जो लोग बेईमानी करते हैं, अगर आप पूरी दुनिया से लड़ाई लड़ेंगे और एक ऐसे सपने को दिखाएंगे जो अदृश्य है, जैसे जादूगर अजीब चीज को दिखाते हैं, जैसे फरेबी साधू महाराज आते हैं और एक अदृश्य सपना दिखाते हैं, उस तरह के अदृश्य सपने दिखाकर अगर आप छात्रों के दिमाग को ब्रेन वाश करेंगे तो यह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकेगा।
कन्हैया कुमार इंटेलेक्चुअल टेरेरिस्ट
उन्होंने कहा कि जिस तरह से तालिबान और ISIS जैसे आतंकवादी संगठन जवान लड़के लड़कियों को बहकाकर जिहादी आतंकवादी और सुसाइड बॉम्बर बनाते हैं, हमारे देश में भी कई इंटेलेक्चुअल लोग जवान लड़के लड़कियों को बहकाकर इंटेलेक्चुअल टेरेरिस्ट बनाते हैं, कन्हैया कुमार के रूप में आपने देखा है।
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