इस महिला ने मोदी को दिया था ई-बोट का आइडिया...
प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी के अस्सी घाट पर देश की पहली ई-बोट की सवारी का आनंद लिया। पीएम ने गंगा नदी में इस बोट पर बैठकर 100 मीटर का सफर किया। उन्होंने 11 ई-बोट को चुनिंदा नाविकों के लिए शुरू किया।
सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना से गरीबी को मिटाने की कोशिश की जाए, जिससे नाविकों का कुछ खर्चा नहीं होगा बल्कि देश में डीजल की बचत ही होगी। हालांकि जिसे इस योजना का असली श्रेय जाना चाहिए वह अभी भी चर्चा से दूर है। इस योजना के पीछे वाराणसी की ही महिला अंकिता खत्री की सोच काम कर रही थी।
खत्री ने 18 दिसंबर को सिर्फ 15 मिनट के लिए ही पीएम मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में खत्री ने वाराणसी को मॉडर्न, प्रदूषण मुक्त और मॉडल सिटी बनाने के लिए पीएम को 11 सुझाव दिए थे। गंगा में ई-बोट इस्तेमाल करने का विचार भी इसमें से एक था। खत्री आज खुद पर गौरवान्वित महसूस करती हैं। उन्हें खुशी है कि इसे छोटे समय में लॉन्च किया गया।
, शहरों को प्रदूषण मुक्त बनाना केंद्र सरकार के एजेंडे में प्रमुख है। प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए ई-बोट बेहतर माध्यम है। एक ई-बोट सोलर पावर से चलती है और किसी तरह का ईंधन इसमें इस्तेमाल नहीं होता है।
विकसित देशों में ई-बोट कोई आश्चर्य वाली बात नहीं है, जहां कुछ बेहद खूबसूरत डिजाइन बोट सोलर एनर्जी से ही चलती हैं। प्लेनेटसोलर दुनिया की सबसे बड़ी और चर्चित सोलर बोट है। 2012 में, इसमें 585 दिनों में दुनिया का दौरा पूरा किया था और इस दौरान यह 288 अलग अलग देशों से होकर गुजरी थी।
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