खाली होते ही गायब हो जाती है
यह बोतल...
आप इसे खा भी सकते हैं...
जब कभी भी आपके ज़हन में शैवाल (पानी में उगने वाला पौधा जिसे ‘काई’ भी कहते हैं) का जिक्र आता है तो आप क्या सोचते हैं? निश्चित तौर पर आप कल्पना करते होंगे नदी के चट्टानों या तालाब पर एकत्र हुए झागदार हरे और भूरे रंग के घिनौने से दिखने वाले मलबे की। और अगर आपसे यह कहा जाए कि क्या शैवाल के संपर्क में आए पानी को आप पी सकते हैं, तो निश्चित ही आपका जवाब होगा नहीं।
पर शैवाल पर इतनी जल्दी संदेह करना ठीक नहीं है। दरअसल, शैवाल प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में से एक है। इनसे ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती है। और उम्मीद है कि जल्दी ही यह आपके दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन जाएगा।
ऐसा इसलिए, क्योंकि आइसलैंड के एरी जोन्सन ने शैवाल से बने बायोडिग्रेडेबल (जैवनिम्नीकरण) पानी की बोतल का निर्माण किया है। यह बोतल न केवल पानी पीने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है, बल्कि आप इसे खा भी सकते हैं।
बोतल को बनाए जाने में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ को शैवाल और पानी के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इस पदार्थ को धीरे-धीरे आंच देकर बोतल की शक्ल दी जाती है।
जैसा कि हम जानते हैं कि एक प्लास्टिक की बोतल को पूरी तरह खत्म होने में करीब एक हजार साल तक लग सकते हैं। और आज के दौर में प्लास्टिक की खपत को देखते हुए यह कहना बिल्कुल भी ग़लत नहीं होगा कि आने वाले समय में प्लास्टिक हमारे प्रकृति के लिए एक बड़ा ख़तरा है।
यह बोतल 100 फीसदी प्राकृतिक संसाधनों से बनाई गई है। इसलिए इसमें संग्रहित पानी पीने के लिए सुरक्षित है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस बोतल को खाया भी जा सकता है। अगर आपको इसका स्वाद पसंद आता है, तो बेफिक्र होकर इसके स्वाद का मज़ा उठा सकते हैंं।
इस बोतल में लंबे समय तक पानी भर कर रखा जा सकता है। लेकिन जैसे जैसे बोतल खाली होती जाती है, इसके विघटन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है। या यह कह लें यह गल कर नष्ट हो जाती है।
एरी जोन्सन के द्वारा बनाई गई इन बोतलों का उपयोग प्लास्टिक की बनी बोतलों की तरह ही किया जा सकता है। लेकिन एक बड़ा अंतर यह है कि ये बोतलें प्राकृतिक रूप से सुरक्षित हैं। ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते
यही नहीं, बोतल में छेद होने की स्थिति में गर्म करके नया आकार दिया जा सकता है और दोबारा इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
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सेक्युलर भारत – विश्व का एकमात्र देश जहाँ बहुसंख्यक समाज “बेचारा समाज ” है
भारत जो की 1947 में आजाद हुआ और धर्म के आधार पर विभाजन के बावजूद हिन्दुओं का देश नही बन पाया बल्कि उस वक़्त की सरकार द्वारा सेक्युलर देश घोसित कर दिया गया| बहुत से भारतीय लोगों के मन में आज भी ये सवाल
.... है कि जब इस देश के लोगों को हिन्दू को , मुसलमान को सबको एक साथ ही रहना था तो आखिर क्यों कांग्रेस ने अंग्रेज़ों के साथ मिलकर इस देश का विभाजन स्वीकार कर लिया | इस सवाल का जवाब ढूंढ पाना इतना आसान नही ह विभाजन के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई और आजाद भारत के इतिहास में आज तक भी 90 % से ज्यादा समय कांग्रेस का ही शासन रहा है ।
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