Friday, 27 May 2016

टूटे हुए तारे से बन गई थी 

यह सुन्दर झील ...

आपने तारा टूटने की कहानियां जरूर सुनी होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी झील मौजूद है जो टूटे हुए तारे के पृथ्वी पर गिरने से बनी थी। बात हो रही है महाराष्ट्र में मौजूद लोनार झील की। खारे पानी की यह झील बुलढ़ाना जिले में स्थित है।
माना जाता है कि लोनार सरोवर का निर्माण एक उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण हुआ था। साथ ही वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि इसका खारा पानी इस बात का प्रतीक है कि कभी यहाँ समुद्र था।

इस झील की गहराई लगभग पांच सौ मीटर है। वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक क़रीब

 दस लाख टन का उल्का पिंड यहां गिरा था। यह झील समुद्र तल से 1,200 मीटर ऊँची 

सतह पर है और इसका व्यास दस लाख वर्ग-मीटर है।

हालांकि आज भी वैज्ञानिक इस पर गहन शोध कर रहे हैं कि लोनार में जो टक्कर हुई, वह उल्का पिन्ड और पृथ्वी के बीच हुई या फिर कोई ग्रह पृथ्वी से टकराया था।

अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेन्सी नासा (NASA) का मानना है कि बेसाल्टिक चट्टानों से

 बनी यह झील बिलकुल वैसी ही है, जैसी झील मंगल की सतह पर पाई जाती है। यहाँ 

तक कि इसके जल के रासायनिक गुण भी मंगल पर मिलने वाली झीलों के 

रासायनिक गुणों से मिलते-जुलते हैं।

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