सात बार चाबी घुमाओ
दो घंटे तक पंखे की हवा खाओ...
दुमका के रहने वाले निरंजन शर्मा ने 13 साल की मेहनत के बाद चाबी से चलने वाले पंखे का आविष्कार किया है। पेशे से बढ़ई निरंजन अपनी दसवीं की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए थे। लेकिन अपनी इच्छा शक्ति और मेहनत के दम उन्होंने यह सफलता हासिल कर ली है।
निरंजन द्वारा बनाए गए पंखे की खासियत है कि इस पंखे में लगी चाबी को सात बार घुमाइए और दो घंटे तक पंखे की हवा का लुत्फ लीजिए। हालांकि इस पंखे को बनाने में निरंजन को 13 साल का वक्त लगा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वे लगातार अपनी कोशिश करते रहे और आखिर में इसमें कामयाब भी रहे।
अपने इस अाविष्कार के बारे में बताते हुए निरंजन कहते हैं कि, मैं हमेशा सोचता था कि जब घड़ी की सुइयां चाबी भरने से घूम सकती हैं, तो पंखे की पंखुडि़यां क्यों नहीं। चाबी से घड़ी चलाने के आधार से ही मुझे पंखा बनाने की प्रेरणा मिली।
निरंजन दिन भर बढ़ई का काम करते और रात में इस पंखे के अाविष्कार में जुट जाते। 13 साल लगातार कोशिश करने के बाद अक्टूबर में यह पंखा बनकर पूरी तरह तैयार हो गया। इस पंखे को बनाने के लिए उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया, लेकिन निरंजन हमेशा सकारात्मक बने रहे। उनके इस जुनून को देखकर परिवार ने उनका साथ छोड़ दिया, लेकिन निरंजन ने अपना इरादा नहीं छोड़ा।
अपने हौसले और दृढ़ निश्चय के बल पर वे अाविष्कार करने में सफल रहे। उनका कहना है कि चाबी से चलने वाले पंखे की सफलता के बाद अब वे चाबी से चलने वाला बल्ब भी बनाएंगे। वे बहुत जल्द इस पर काम शुरू कर देंगे। निरंजन का कहते हैं कि असफलताओं के बाद भी हमें हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि जो हार नहीं मानते, उन्हें जीत जरूर मिलती है। हमें बस अपना इरादा मजबूत रखना चाहिए, फिर हमें मंजिल तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।
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