पंजाब के ब्यास में
42 एकड़ लंबे हॉल पर
बना सोलर प्लांट...
अमृतसर
डेरा बाबा जैमल सिंह (डेरा ब्यास) में विश्व की सबसे बड़ी छत पर स्थापित सोलर प्लांट का उद्घाटन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किया। इस इको फ्रेंडली सोलर प्लांट का उद्घाटन भी इको फ्रेंडली हुआ। न कोई शोर था, न नारेबाजी। डेरे की आध्यात्मिक भूमि की पवित्रता को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने मीडिया से भी बातचीत नहीं की जिस शिलापट्ट का पर्दा हटाकर बादल ने उद्घाटन किया, उस पर डेरा मुखी बाबा गुङ्क्षरदर सिंह ने अपना नाम तक नहीं लिखवाया।
डेरा मुखी ने उद्घाटन से भी दूरी बनाए रखी। इस ऐतिहासिक पल के गवाह राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, सरकारी अधिकारी व डेरा ब्यास के कुछ सेवादार बने।
डेरा ब्यास के 42 एकड़ भूमि में बनाए गए एक बड़े हॉल की छत पर स्थापित किए गए इस सोलर प्लांट से प्रतिवर्ष 11.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस पर साढ़े 80 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इस हॉल में साढ़े तीन लाख श्रद्धालु एक साथ बैठ कर प्रवचन सुनते हैं। इतने बड़े हॉल में एक हजार से अधिक लोहे के बड़े-बड़े पिलर लगे हैं। इसी तरह डेरे के सभी आठ हॉलों की छतों पर लगाया गया यह सोलर प्लांट एशिया का सबसे बड़ा है। इससे प्रति वर्ष 19.5 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी। सभी आठों हॉलों पर सोलर प्लांट स्थापित करने में कुल 139 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
बिजली खरीदने के लिए 25 वर्ष का समझौता
पंजाब स्टेट पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने डेरा ब्यास के साथ बिजली खरीदने के लिए 25 वर्ष का समझौता किया है। इस पूरे प्रोजेक्ट को ब्यास के 132 केवी स्टेशन के साथ जोड़ दिया गया है। पूरा काम चार महीनों में समाप्त हुआ है। काम इतनी तेजी से चला कि 53 दिन पहले ही समाप्त हो गया।
कम हो जाएगी चार लाख टन कार्बन डाइआक्साइड
इस सोलर प्रोजेक्ट का प्रभाव पर्यावरण पर पड़ेगा। आगामी 25 वर्षों में यह प्लांट डेरा ब्यास व आसपास के क्षेत्र में चार लाख टन कार्बन डाइआक्साइड की कमी कर देगा। यह प्रोजेक्ट दो लाख वृक्ष लगाने के समान है।
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