Friday 27 May 2016

मिलिए भारत के बेटे से 

 14 साल की उम्र में कर ड़ाला था

 Email का आविष्कार ...

ईमेल के अविष्कार को 34 वर्ष हो चुके हैं। आज इंटरनेट के युग में ईमेल एड्रेस इंटरनेट उपभोगता  की एक मूल पहचान बन गया है। इसका उपयोग हम न केवल सन्देश भेजने, बल्कि नेट बैंकिंग, जॉब सर्चिंग, ऑनलाइन आवेदन से लेकर और भी अन्य कार्यों में करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आख़िर इसका अविष्कार किसने किया था?

तो आज हम आपको बताते हैं कि ईमेल के अविष्कार का श्रेय शिवा अय्यादुरई  को

 जाता है, जो अमेरका में रहते हैं, पर मूल रूप से भारतीय ही हैं। आपको जान कर यह 

हैरानी होगी कि शिवा अय्यादुरई उस वक़्त मात्र 14 साल के थे, जब उन्होंने ईमेल का 

अविष्कार कर यह कारनामा कर दिखाया था।

शिवा कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में बेहतर थे। उस समय पर फोरट्रान प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग होता था।  कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के वजह से इनको  “यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री ऑफ न्यू जर्सी ” में प्रोग्रामर के रूप में कार्य करने का अवसर  मिला। जहां उनके मार्गदर्शक डॉ. लेस्ली पी. मिकेलसन ने इनकी प्रोग्रामिंग कुशलता को पहचानते हुए, उन्हें चुनौती के तौर पर एक प्रोग्रामिंग असाइनमेंट दिया।
असाइनमेंट में उनका काम किसी भी संस्था  में किसी भी जानकारी  को साझा करने के लिए उपयोग होने वाले पेपर संचार प्रणाली को इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रणाली में बदलना था।
यहां हम आपको  एक बात बता दें कि उस समय कंप्यूटर नेटवर्क जैसे लोकल एरिया नेटवर्क, इंट्रानेटवर्क का कांसेप्ट अस्तित्व में था। जिसका उपयोग किस भी संस्था में दो या अधिक कम्प्यूटर्स के बीच डेटा फाइल को साझा करने के लिए होता था।
आख़िरकार 1978 में अय्यादुरई एक कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार करने में सफल हुए, जिसे ‘ई-मेल’ कहा गया। इसमें इनबॉक्स, आउटबॉक्स, फोल्डर्स, मेमो, अटैचमेंट्स आदि सभी कुछ था, और आज भी ये सभी फीचर हर ई-मेल सिस्टम का हिस्सा हैं।

अमेरिकी सरकार ने 30 अगस्त, 1982 को अय्यादुरई को आधिकारिक रूप से ई-मेल

 की खोज करने वाले के रूप में मान्यता दी और वर्ष 1978 की उनकी इस खोज 

के लिए पहला अमेरिकी कॉपीराइट दिया। उस समय सॉफ्टवेयर खोज की सुरक्षा के 

लिए कॉपीराइट ही एकमात्र तरीका था।

वीए शिवा अय्यादुरई का जन्म मुंबई में एक तमिल परिवार में हुआ था, और सात वर्ष की आयु में वह अपने परिवार के साथ अमेरिका चले गए।
14 वर्ष की आयु में उन्होंने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के अध्ययन के लिए न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के कोरैंट इंस्टीट्यूट ऑफ मैथेमैटिकल साइसेंज में विशेष ‘समर’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। बाद में स्नातक उपाधि के लिए वह न्यूजर्सी स्थित लिविंगस्टन हाई स्कूल गए, और वहां पढ़ाई करने के साथ उन्होंने न्यू जर्सी में यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड डेन्टिस्ट्री में रिसर्च फैलो के रूप में काम भी किया।
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vashiva
inventorofemail

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