मन्दुरी जनजाति : जो गायों की रक्षा के लिए जान दे भी सकते है और जान ले भी सकते है.
सूडान नामक देश के बारे में जहाँ लोग गौरक्षा के लिए जान ले भी सकते है और जान दे भी सकते है.
यह एक मात्र ऐसा देश है बच्चे और बड़े दोनों गायों की देखभाल करते है. इन लोगो के लिए गाये ही सबकुछ है. ये लोग गाये को गर्मी से बचाने के लिए एक विशेष प्रकार की भभूत लगाते है,गायों को पानी पिलाने के लिए तरह-तरह के जतन करते है,गायों को किसी भी प्रकार की चोट ना पहुचे इसलिए रात में उनकी चौकीदारी करते है ताकि जंगली जानवर उनका शिखर ना कर पाए. मन्दुरी जनजाति गाये के दूध के साथ साथ उसका मूत्र का भी सेवन करते उनका यह मानना है की गौमूत्र उनको गंदगी से दूर रखता है.इस जनजाति का गायों से प्रेम बहुत गहरा है. गायों के लिए ये अपना आधा जीवन समर्पित करते है.
सूडान नामक देश के बारे में जहाँ लोग गौरक्षा के लिए जान ले भी सकते है और जान दे भी सकते है.
यह एक मात्र ऐसा देश है बच्चे और बड़े दोनों गायों की देखभाल करते है. इन लोगो के लिए गाये ही सबकुछ है. ये लोग गाये को गर्मी से बचाने के लिए एक विशेष प्रकार की भभूत लगाते है,गायों को पानी पिलाने के लिए तरह-तरह के जतन करते है,गायों को किसी भी प्रकार की चोट ना पहुचे इसलिए रात में उनकी चौकीदारी करते है ताकि जंगली जानवर उनका शिखर ना कर पाए. मन्दुरी जनजाति गाये के दूध के साथ साथ उसका मूत्र का भी सेवन करते उनका यह मानना है की गौमूत्र उनको गंदगी से दूर रखता है.इस जनजाति का गायों से प्रेम बहुत गहरा है. गायों के लिए ये अपना आधा जीवन समर्पित करते है.
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