इस्लाम से पहले अरब में था सनातन धर्म, आज भी बगदाद में मौजूद है ये त्रिदेवियों की पेंटिंग
मुहम्मद के माता पिता का देहांत हो चूका था, मुहम्मद का पालन पोषण उनके चाचा ने किया था, मुहम्मद के चाचा शिव भक्त थे, और भारत में भ्रमण करने की खवाइश भी रखते थे, वो गंगा और जमुना की धरती को चूमना चाहते थे
मुहम्मद ने पहले मदीना पर कब्जा किया, फिर मक्का जहाँ पर 360 मूर्तियां थी उसपर हमला किया 360 में से 359 मूर्तियां तोड़ दी, ये सारी हिन्दू मूर्तियां थी, बस 1 मूर्ति नहीं तोड़ी गयी, जो की असल में शिवलिंग थी, जो की आज भी मक्का के काबा में मौजूद है
मुहम्मद से पहले अरब के देशों में सऊदी अरब, इराक, सीरिया, यमन, इन इलाकों में सनातन धर्म ही था, उसका एक और सबूत लीजिये मुहम्मद से पहले की है ये पेंटिंग, जो आज भी इराक के बगदाद मयूजियम में मौजूद है, इस पेंटिंग में अल्लाह बैठे हुए है (अल्लाह माने ईश्वर) और उनके सामने उनकी 3 बेटियां खड़ी है, अल्लाह की इन तीन बेटियों के नाम है अल-लत, अल-उज़्ज़ा, और तीसरी है मन्नत, इस पेंटिंग को इराक के इतिहासकारों ने नयी शक्ल दी है, ये शक्ल इस पेंटिंग के नीचे दिए गए जानकारियों के आधार पर बनाये गए, ये भी बगदाद में मौजूद हैअल्लाह की 3 बेटियों को देखिये, ये मुहम्मद से पहले इस इलाके में मानी जाती थी
बीच वाली बेटी के तो माथे पर बिंदी भी है, और किसी भी बेटी ने बुरखा नहीं पहना है, साथ ही साथ बीच वाली बेटी के हाथों में तलवार जैसा कुछ है, और बाघ-बिल्ली जैसा कुछ उनके कदमो में है
ऐसा प्रतीत होता है जैसे अरब में मुहम्मद से पहले लोगों ने माता दुर्गा के चित्र को बनाने की कोशिश की थी, उन्होंने माता दुर्गा के बारे में सुना होगा, भारत से जानकारी मिली होगी और उन्होंने माता दुर्गा के चित्र को बनाने की कोशिश की
ये तीनो ही बेटियां ऐसी प्रतीत होती है जैसे माँ सरस्वती हो, एक माँ दुर्गा (पार्वती) और तीसरी माँ लक्ष्मी हो, आप देख सकते है मन्नत के हाथों में कलश भी है, माता लक्ष्मी के हाथों में भी कलश होता है जिसमे से धन आता है
वहीँ जो पहली बेटी है, जो सफ़ेद वस्त्र में है वो कदाचित माँ सरस्वती की नक़ल है, भारत से जो जानकारियां मिली, अरब के लोगों ने उसे कॉपी कर बनाने की कोशिश की, ऐसा इस पेंटिंग से आप समझ सकते है , साफ़ है की अरब में मुहम्मद से पहले सनातन धर्म ही था, और उसके सबूत मिटाये गए पर आज भी कई सारी चीजें मौजूद है
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