आंध्र प्रदेश के हैदराबाद तेलंगाना मैं मुस्लिम घरों में बेटियां पैदा होने पर जश्न होता है मुस्लिम परिवार कुछ लाख रुपयों के लिए अपनी बेटियों का मुताह निकाह यानी तय समय सीमा जो कुछ दिन से करीब 1 महीने तक होती है उसके बारे में था
तेलंगाना के करीमनगर महबूब नगर खम्मम वारंगल जैसे तमाम शहरों में मुस्लिम माता पिता अपनी बेटियों के जिस्म की कमाई से ऐश करते हैं । सऊदी अरब कतर दुबई आदि से शेख हैदराबाद आते हैं फिर वही से मुताह निकाह का खेल शुरू होता है जिसमें होटल वाले से लेकर काजी मौलवी स्थानीय पुलिस तक का कमीशन जाता है ।
चूंकि मुताह निकाह इस्लाम में जायज है इसलिए कोई लड़की बलात्कार का आरोप नहीं लगा सकती इसलिए अरबी शेखों को इस तरह का सेक्स बेहद बेहद सुरक्षित लगता है क्योंकि इसमें पुलिस चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती और मुताह निकाह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मेहर भी नहीं देना पड़ता जब काजी मुताह निकाह का कॉन्ट्रैक्ट बनाता है तब उसमें तय समय सीमा लिख दी जाती है जैसे 2 दिन या 5 दिन या 10 दिन उसके बाद लड़की अपने घर और अरबी शेख अपने घर चला जाता है
ये एक प्रकार से अपनी बेटी ओर बहन द्वारा वेश्यावृत्ति कराने जैसा होता है इसको मुताह कहते है हमने समाजशास्त्र में 2001 में ही पढ़ लिया था इसलिए हैदराबाद तेलंगाना मैं मुस्लिम घरों में बेटियां पैदा होने पर जश्न होता है
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