Friday 22 April 2016

१४ मई १९४८ को इजराइल आज़ाद हुआ और २४ घंटे के अंदर अंदर पाँच मुस्लिम देशों ने एक साथ इस छोटे से देश पर हमला कर दिया था .. सोचिए अगर ऐसा 15 अगस्त 1947 को आज़ाद होते ही 16 अगस्त को पांच देश भारत पर हमला कर देते तो क्या होता भारत का ..
लेकिन दोस्त ये इजराइल था .. इजराइल को अपनी रक्षा के लिए कार्रवाई करनी पड़ी।
खून में देशभक्ति थी.. अकेले भिड़ गया सब से .. सवा साल तक युद्ध चलता रहा .. पाँच देश से .. नवगठित इजराइली फौज ने पूरे साजो-सामान के बगैर भी बहादुरी से संघर्ष किया और आखिरकार हमलावरों को पीछे धकेल दिया।
.... ६०००+ जानें गयी.. जो पूरी आबादी का एक प्रतिशत था .. सोचिए .. सिर्फ़ ६ लाख की आबाद वाला देश .. और पाँच देशों से टक्कर ले रहा था .. ऐसी हालत में भी समझौते के लिए इसराइल ने वार्ता करने से इनकार कर दिया था ..
आज इस हिसाब से अगर भारत पर हमला हो और सवा सौ करोड़ की आबादी में १ प्रतिशत यानी १ करोड़ से उपर लोग मर जायें तो क्या आलम होगा ? यहां तो शायद हाहाकार मच जायेगा.... भारत के अधिकततर लोग ही शायद अपनी ही सरकार को कहेंगे कि युद्ध बंद कर दो.....वैसे भारत में गद्दारो की संख्या देख कर क्या आपको लगता है की इतनी बड़ी संख्या में लोग लड़ने भी आएँगे ?
इजराइल ने अपना ये मान सम्मान यूँही नहीं बनाया है

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