Friday 1 June 2018

vicharniy

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर का असली नाम नसीमुद्दीन है
मिडिया मुस्लिम अपराधियो के नाम छिपाती क्यों है ?
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सीरिया मे १५० साल पहले १०० % यहूदी धर्म के लोग रहते थे...धीरे धीरे वहाँ की सेक्युलर सरकारेँ विदेशी मुस्लिमों को बसाने लगी...मुसलमानोंने भी अपना वोट बैँक बनाया और सरकारों को ब्लॅकमेल करने लगी...जब उनका वोट बैँक कुल जनसंख्या के ४८ % पहुँच गया तो यहूदियों पर हमला करके उनकी संपत्ति और महिलाओं को कब्जा करने लगे..और यहूदी कम होते गये...और गृह युद्ध छिड़ गया...डर के मारे लाखों यहूदी ने इस्लाम काबुल कर लिया...और सीरिया मे १०० % मुसलमान हो गये।
अब एक आखिरी काम बचा था...इस्लाम मेँ कनवर्ट हुए यहूदियों का ख़ात्मा....अब यही हो रहा है सीरिया मे ... इस तकनीक से मुसलमानो ने पिछले ८०० साल मेँ ५५ देशों पर कब्जा जमा लिया...अब भारत की बारी है...इस काम मे कॉंग्रेस जदयू राकाँपा सपा बसपा वामदल आदि पार्टियाँ इनका साथ दे रही है...इसके लिए खरबों का इस्लामिक और इल्लुमीनती फंड इन पार्टियों और भारतीय मीडिया को दिया जा रहा है...और हिँदुओँ को एकजुट रखने वाले सँतोँ और नेताओँ के खिलाफ लगातार साजिशेँ रचकर मीडिया को हथियार बनाकर ऐसे लोगोँ का चरित्र हनन किया जा रहा है। मूर्ख हिँदु आज भी सो रहा है।
अरून शुक्ला
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2009 में गन्ने का MSP ₹108 था और चीनी थी ₹42 से ₹45 प्रति किलो। 2018 में गन्ने का MSP है ₹255 और चीनी है ₹30 से ₹32 प्रति किलो।
 उस समय कृषि मंत्री थे हमारे टेढ़े मुँह वाले कामरेडी #शरद_पंवार जिनकी कि सबसे ज्यादा चीनी मिलें थी भारत में और महाराष्ट्र में जिन्हें कांग्रेस सरकार का संरक्षण प्राप्त था।
मतलब जिनकी चीनी की मिल थी वो खुद कृषि मंत्री बनाये गए थे और वो सस्ता गन्ना खरीद कर महंगी चीनी बेच रहे थे तो फायदा किसको हो रहा था किसानों ...?
होश में आओ अभी भी समय है।
Gautam Gokulesh
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