Tuesday, 14 October 2014


दंगे अथवा किसी भी प्रकार के उपद्रव में राज्य सरकारें पुलिस व्यवस्था के हाथ बाँध देती है | 
मुंबई के आज़ाद मैदान में हुए उपद्रव में शांतिप्रिय भीड़ ने महिला पुलिस अधिकारीयों पे ही हमला बोल दिया था, उनके साथ अभद्र हरकतें की गयी लेकिन पूरी पुलिस व्यवस्था चुप रही | यही स्थिति हर उस राज्य में है जहाँ की सरकारें तुष्टिकरण की राजनीती में डूबी है | बंगाल में तो ऐसी दुर्व्यवस्था है की हाल में हुए बम विस्फोटों में पुलिस को ही सबूत मिटाने के आदेश दे दिए गए थे |
क्या आपको लगता है ऐसी सरकारों के रहते पुलिस बल का कोई अर्थ रह जाता है ?

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1378 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना - नाम है इरान!
1761 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना - नाम है अफगानिस्तान!
1947 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना - नाम है पाकिस्तान!
1971 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना - नाम हैँ बांग्लादेश!
1952 से 1990 के बीच भारत का एक राज्य इस्लामिक हो गया - नाम है कशमीर!...
 अब उत्तरप्रदेश, आसाम और केरला इस्लामिक राज्य बनने की कगार पर है! और हम जब भी हिँदुओँ को जगाने की बात करते हैँ, सच्चाई बताते हैँ तो  लोग  RSS, वाला कहकर पल्ला झाङ लेते हैँ!
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पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में एक मुस्लिम भाई ने जनहित याचिका डाली थी कि पडोसी मुल्क में हज करने के लिए सब्सिडी मिलती है तो हमें भी मिलनी चाहिए. पाकिस्तान कोर्ट ने जनहित याचिका रिजेक्ट करते हुये कहा कि कुरान और हदीसे के हिसाब से हज पसीने की कमाई से करना पड़ता है ! दूसरों की कमाई से नहीं ! सब्सिडी इस्लाम के खिलाफ है !
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अजीब कानून है.. गाय का चारा खाया तो जेल भेज दिया और जो गाय को खा रहा है उसको हज के लिए भेजते हो ..

कुछ दिन पहले NDTV के रवीश कुमार ने.RSS के सिन्हा सर से तल्ख़ मुद्रा में पूछा था कि अगर देश में मुस्लिम ज्यादा हो जायेंगें तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ?इसका एक प्रायोगिक उत्तर एक वाकये ने दिया 
मुस्लिम बाहुल्य "काश्मीर विश्वविद्यालय" में  फिल्म "हैदर" की शूटिंग चल रही थी उसके एक दृश्य के फिल्मांकन के लिए तिरंगा झंडा लगाया गया और कलाकारों को जय हिंद बोलना पड़ा| इतना होना था कि विश्वविद्यालय के छात्र उस यूनिट पर टूट पड़े फिल्म का सेट तोड़ दिया गया| काफी जद्दोजहद के बाद फिल्म के कलाकारों को बाहर निकाला जा सका| तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिंद पर आपत्ति इस सबका कारण थी |पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन कालेज प्रशासन के कहने पर छोड़ दिया गय| ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं विश्वविद्यालय के छात्र थे !
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एक सुन्दर संवाद.
 बी एस सी का छात्र ,,,,कॉलेज का पहला दिन ......(गले में बड़े बड़े रुद्राक्ष की माला)
प्रोफेसर ::बड़े पंडित दिखाई देते हो लेकिन कॉलेज में पढाई लिखाई पर ध्यान दो पूजा पाठ घर में ही ठीक है !!
(क्लास के सभी बच्चे ठहाका लगाते है )
छात्र:: (विनम्रता से) सर आप मेरे गुरु है और सम्माननीय भी इसलिए आपकी आज्ञा से ही कुछ कहना चाहूँग
(शिक्षक कहते है बोलो)
छात्र ::सर  छोटे कॉलेज छोडिये आई आई टी और मेडिकल कॉलेज तक में एक मुस्लिम छात्र दाढ़िया बढाकर
या टोपी चढाकर जाते है और कितनी भी बड़ी लेक्चर हो क्लास छोड़कर namaz के लिए बाहर निकल जाते है तो शिक्षक को वो धर्मनिष्ठता लगता है जब क्रिस्चन छात्र गले में बड़े क्रौस लटकाकर घूमते है तो वो धर्मनिष्ठता है और ये उनके
मजहब की बात हुई और आज आपके सामने इसी क्लास में कितने ही लड़कियों ने बुर्खा पहना है और कितने ही बच्चो ने जालि-टोपी चढा रखा है तो आपने उन्हें कुछ नहीं कहा तो आखिर मेरी गलती क्या है ???
क्या बस इतना की मै एक हिंदू हूँ ???

शिक्षक क्लास छोड़कर बाहर चला गया. . 
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yahi hai islam...
गर्दन काट चौराहों पर टांग रहे आतंकी
आतंकियों के चंगुल से भागकर तुर्की के सुरुक स्थित शिविर में पहुंचे 13 साल के दिलयार ने बताया कि कोबानी में आतंकियों ने सैकड़ों बेगुनाह लोगों को पकड़ कर उनकी गर्दनें काट दीं। फिर उन्हें शहर के अलग-अलग चौराहों पर टांग दिया, ताकि बाकी बचे लोग इस्लामिक स्टेट का विरोध नहीं कर सकें। दिलयार ने कहा कि उसके चचेरे भाई मुहम्मद को आतंकियों ने पकड़ लिया था। जैसे ही वह चीखा, काले कपड़े पहने एक आतंकी ने उसे जमीन पर पटक दिया। छुरा निकाला और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। दिलयार ने बताया कि वह जैसे-तैसे वहां से भागा, लेकिन अब तक उसके दिमाग से वह मंजर निकल नहीं पा रहा है।
उन्होंने बताया कि कोबानी में हर तरफ बिना सिर वाली लाशें पड़ी हुई हैं और कइयों की आंखें भी निकाल ली गई हैं। इनमें से ज्यादातर कुर्द हैं। ऐसे ही एक शख्स और चार बच्चों के पिता अमीन फजार ने कहा, "मैंने 100 से ज्यादा ऐसी लाशें देखीं जिनके सिर गायब थे। कुछ लाशों से हाथ या पैर गायब थे। कुछ ऐसी भी लाशें थीं जिनसे आंखें निकाल ली गई थीं और जीभ काट ली गई थी। जब तक मैं जिंदा रहूंगा, शायद ही इस घटना को भूल पाऊं।"
Hindu Group Asks Amazon To Stop Selling Leggings With Images Of Hindu Gods

अमेजन ने किया अपमान:  देवी-देवता महिलाओं की लेगिंग पर ...!!

ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन विवादों में फंस गई है। अमेजन की वेबसाइट पर बिक्री के लिए उपलब्ध हिंदू देवी-देवताओं की छपी तस्वीरें वाली महिलाओं की लेगिंग को लेकर बवाल हो रहा है।ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन विवादों में फंस गई है। अमेजन की वेबसाइट पर बिक्री के लिए उपलब्ध हिंदू देवी-देवताओं की छपी तस्वीरें वाली महिलाओं की लेगिंग को लेकर बवाल हो रहा है। हिंदुओं ने अमेजन को ईमेल कर ऐसी लेगिंग की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। यूनिवर्सल सोसाइटी ऑफ हिंदुइज्म ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कहा है कि हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों वाले कपड़े किसी के पैरों के आसपास या शरीर के पिछले हिस्से पर नहीं पहने जा सकते। इस संगठन ने अमेजन से औपचारिक तौर पर माफी मांगने को भी मांग की है।    
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इन्हीं देशद्रोहियों को हमारी सेना ने कश्मीर में आई भीषण बाड़ के समय बचाया था ,अब यही भारत विरोधी और isis समर्थित झण्डे लहरा रहे हैं ...इन्हें बाड़ में ही बह जाने देना था ।समय आ गया है इन्हें इन्हीं की भाषा में जबाब देने का ...ये मजहब के अलावा किसी राष्ट्र और संस्कृति के नहीं हो सकते ....
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क्या इस तथाकथित धर्मनिरपेक्ष देश में हिन्दू होना गुनाह है ?
साध्वी जी पर आरोप है की 2006 में मालेगांव में हुए बम विस्फोट में उनका हाथ था.एक मोटरसाइकिल जो घटनास्थल में कथित तौर पे मिली (जो करीब एक साल से उनके पास नहीं थी और शायद चोरी हो गयी थी जैसे पुणे ब्लास्ट केस में) जिससे NIA को उनका नाम घसीटने का और कांग्रेस के चिदंबरम को "हिन्दू आतंकवाद" जैसा नया शब्द इजाद करने का मौका मिला.
इस बात पर कोई ध्यान नहीं देना चाहता की सीबीआई और ATS को तहकीकात में 9 मुसलमानों के शामिल होने के सबूत मिले जिनका मकसद इलाके में दंगे भड़काना था.ATS का कहना है की उनके पास इन 9 मुसलामानों के खिलाफ पर्याप्त सबूत है लेकिन NIA तो बस हिन्दुओं को फसकर अपने किसी मकसद में कामयाब होना चाहती है.
छः साल बित गए.
साध्वी प्रज्ञा जी को बिना किसी सबूत, चार्जशिट या मुक़दमे के जेल में बंद रखा है.उन्हें तरह तरह की यातनाएं दी जाती है.
यहातक की कैंसर होने के बावजूद भी इलाज के लिए जमानत तक नहीं दी जा रही.और यहाँ हम तथाकथित बहुसंख्यक हिन्दू बस तमाशा देख रहे है की कोई चमत्कार हो जायेगा और निर्दोष साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जेल से रिहा हो जाएगी.
मानवाधिकार वाले है कोई ?




 

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