Sunday, 19 October 2014

20 वर्षों में उन्हें सिर्फ विदेशी पुरस्कार ही क्यों मिले

सुना है की कैलाश सत्यार्थी बाल श्रम के विरुद्ध १९९० के दशक से ही सक्रिय रहे हैं। उनके द्वारा संचालित संगठन ने लगभग ८० हजार बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है और उनके पुनर्वास एवं शिक्षा की व्यवस्था में सहायता की है।

लेकिन पिछले 20 वर्षों में उन्हें सिर्फ विदेशी पुरस्कार ही क्यों मिले हैं एक भी भारतीय पुरस्कार नहीं , आखिर इन एनजीओ वालों का विदेशी कनेक्शन क्या है 

2014: नोबेल शांति पुरस्कार
2009: डिफेण्डर्स ऑफ डेमोक्रैसी पुरस्कार (अमेरिका)
2008: अल्फांसो कोमिन अनतरराष्ट्रीय पुरस्कार (स्पेन)
2007: इटली के सिनेट का स्वर्ण पदक
2007: अमेरिका के स्टेट विभाग द्वारा 'आधुनिक दासता को समाप्त करने के लिये कार्यरत नायक' का सम्मान
2006: फ्रीडम पुरस्कार (US)
2002: वालेनबर्ग मेडल (मिशिगन विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त)
1999: Friedrich Ebert Stiftung Award (जर्मनी)
1998: गोल्डेन फ्लैग पुरस्कार (नीदरलैण्ड्स)
1995: रॉबर्ट एफ केनेडी मानव अधिकार पुरस्कार (अमेरिका)
1995: ट्रम्पेटर पुरस्कार (अमेरिका)
1994: The Aachener International Peace Award (जर्मनी)

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