Samaadhan
Wednesday, 29 October 2014
“
कथित
”
बुद्धिजीवियों (
“
कथित
”
इसलिए लिखा, क्योंकि वास्तव में ये बुद्धिजीवी नहीं, बल्कि बुद्धि बेचकर जीविका खाने वाले व्यक्ति हैं)
suresh(.)chiplunkar(@)gmail.com
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