Monday 6 October 2014

यदि आप अयोध्या के कनक भवन मंदिर में जाए तो वहा एक शिलापट लगा है जिसपर लिखा है

किसी मुस्लिम से “राजा सुहेलदेव राजभर” की चर्चा करो तो वह सुहेलदेव को “लुटेरा” बताता है, इसका कारन क्या है.????
यदि आप अयोध्या के कनक भवन मंदिर में जाए तो वहा एक शिलापट लगा है जिसपर लिखा है की सय्यद सालार गाजी ने असली कनक भवन मंदिर की एक एक पत्थर अलग करके उसमे जड़ित सभी सोना चंडी निकल लिया था और आज का वर्तमान मंदिर राजा विक्रमादित्य ने फिर से बनाया था..
रास्ते आये सभी हिन्दू राजाओं का संहार करने वाले सैय्यद सालार गाजी को जब सुहेलदेव के राजभर लडाको ने नानपारा (बहराइच) घेरा तो उस समय सालार के लड़ाको के पास अकूत मात्रा में लूटा हुआ खजाना था जो उसने रास्ते में आने वाले क्षेत्रो से लूटमार करके लूटा था. इन मुस्लिम हत्यारे लुटेरो का सफाया करने के साथ साथ सुहेलदेव ने यह खजाना भी अपने कब्जे में ले लिया और इसे रातो रात अपने राज्य में फैले सभी कोटो में जमा छुपा दिया.
बुजुर्ग लोग बताते हैं की “बदअमनी (बदअमली)” के समय सभी राजभारो को होली के त्यौहार के दिन भांग में जहर मिलाकर एक ही रात में इनका सफाया कर दिया, बचे लोग जान बचाकर भाग गये और लोगो ने जितनी संपत्ति लूटते बनी लुटा, इस बदअमनी में मुस्लिमो के अलावा स्थानीय ख़ास हिन्दू भी शामिल थे जो कोटो में नौकरी करते थे.. सुरहुरपुर (अम्बेडकरनगर-उ.प्र.) के राजभरो की कोट के खँडहर में अभी भी बहुत खजाना दबा हुआ बताया जाता है. भागते समय अफरा तफरी में कर्मचारियों से बहुत सारा खजाना यहाँ वहा जमीन में छुपाया जो आज भी लोगो को खुदाई में मिल जाते हैं पीतल व् ताम्बों के हंडों में.
मेरी बात का तसदीक करने के लिए कभी किसी बहराइच के आस पास के मुस्लिम से सुहेलदेव की चर्चा करके देख भी सकते हैं, वह उन्हें लुटेरा ही कहेगा...

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