Friday, 10 October 2014

मानव शरीर के अन्दर कही भी रक्त का थक्का जैम जाने के बाद "यूरोकाइनेज" का महगा इंजेक्शन लेने से बेहतर है की स्वमूत्र का आयुर्वेदानुसार सेवन करे.
मानव मूत्र में ही यूरो काइनेज पाया जाता है जिससे वैज्ञानिक विधि से पब्लिक यूरिनल से इकठ्ठा किये गए मूत्र से बनाया जाता है यानी यह बहुत ही महगी दवा मानव मूत्र से बनती है . कभी इसका एक इंजेक्शन 10000/- में मिलता था , आज का पता नहीं.
स्वमूत्र चिकित्सा और गो-मूत्र चिकत्सा का एक पूरा चिकित्सा शाश्त्र है जिसका हाथीछाप पता नहीं क्यों विरोध करते हैं. जो बिमारी किसी दवा से नहीं ठीक होती वह गो-मूत्र से ठीक हो जाता है गाय देशी और चरने वाली हो. बधी गाय में अवयव कम मिलते हैं.

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