आवश्यक सूचना !!
सभी हिन्दुओं को आह्वान करता हूँ की खोंग्रेस और उसके दलालों की सही औकात जानने के लिये " हिन्द पाकेट बुक्स प्राइवेट लि0 जे-40 जोरबाग लेन नई दिल्ली -110003 से प्रकाशित किताब " आजादी आधी रात को " अवश्य ही पढ़ें और इस किताब को प्रत्येक हिन्दू को पढ़ना ही चाहिए व सभी हिन्दुओं के घर में इस किताब को " धर्मपुस्तक" के रूप में स्वीकार करें और अपने सर पर चढ़े आ रहें खतरे से साक्षात रूबरु हों !! "आजादी आधी रात को " के लेखक हैं -डोमिनिक लपिएर व लैरी कॉलिन्स और इसका हिन्दी रूपांतरण किया है श्री तेजपाल सिंह धामा ने -----------एक बात और जब तक हरेक हिन्दू इस किताब को नहीं पढ लेता तब तक कॉंग्रेस की हिन्दुद्रोहिता (यानि जिसे हम आजकल धर्मनिरपेक्षता के नाम से ज्यादा जानते है ) को आप नहीं समझ पाएँगें !! जो मित्र मंगवाना चाहे तो ,पते पर पत्र व्यहार द्वारा मंगवा सकते है !!
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राजदीप सरदेसाई ने एनआरआई से लिखित में माफ़ी मांगी
राजदीप सरदेसाई ने एनआरआई अमेरिका के बड़े बैंकर महेंद्र रेड्डी से लिखित में माफ़ी मांगी और कहा जो कुछ हुआ उसमे मेरी गलती थी और मै बिना शर्त माफ़ी मांगता हूँ ...
राजदीप सरदेसाई ने एनआरआई अमेरिका के बड़े बैंकर महेंद्र रेड्डी से लिखित में माफ़ी मांगी और कहा जो कुछ हुआ उसमे मेरी गलती थी और मै बिना शर्त माफ़ी मांगता हूँ ...
असल में बाद में राजदीप को पता चला की जिसे उन्होंने "ऐश होल" या हिंदी में "गुदा छिद्र" कहकर गाली दी थी वो अमेरिका के फेडरल सरकार का पूर्व वित्त सलाहकार है और अमेरिका के बड़े बैंकर में उसका नाम है महेद्र रेड्डी ने सौ करोड़ डालर का मानहानि और साथ में मारपिट करने का केस भी दर्ज करवा दिया था ...
अमेरिकी कानून मानहानी के मामले में बहुत ही कड़े है और वहां की अदालतों में भारत की तरह पचास सालो तक सुनवाई नही होती ...
इसी ने बेचारे राजदीप को लगा की माफ़ी मांग लेना और थूककर चाट लेना ही ज्यादा बेहतर है क्योकि चैनेल का मालिक तो केस लड़ने के लिए पैसा और छुट्टी नही देगा
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इन्हीं देशद्रोहियों को हमारी सेना ने कश्मीर में आई भीषण बाड़ के समय बचाया था ,अब यही भारत विरोधी और isis समर्थित झण्डे लहरा रहे हैं ...
इन्हें बाड़ में ही बह जाने देना था ।
समय आ गया है इन्हें इन्हीं की भाषा में जबाब देने का ...ये मजहब के अलावा किसी राष्ट्र और संस्कृति के नहीं हो सकते ....
इन्हीं देशद्रोहियों को हमारी सेना ने कश्मीर में आई भीषण बाड़ के समय बचाया था ,अब यही भारत विरोधी और isis समर्थित झण्डे लहरा रहे हैं ...
इन्हें बाड़ में ही बह जाने देना था ।
समय आ गया है इन्हें इन्हीं की भाषा में जबाब देने का ...ये मजहब के अलावा किसी राष्ट्र और संस्कृति के नहीं हो सकते ....
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